पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर फिर हुई फायरिंग, कोई हताहत नहीं

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 06-12-2025
Firing resumes along Pakistan-Afghanistan border, no casualties
Firing resumes along Pakistan-Afghanistan border, no casualties

 

इस्लामाबाद

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तनावपूर्ण सीमा पर शुक्रवार देर रात दोनों पक्षों के बीच फायरिंग का आदान–प्रदान हुआ। हालांकि, किसी तरह के जनहानि या नुकसान की सूचना नहीं मिली। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया, जो पिछले दो महीनों से लागू था।

कतर की मध्यस्थता में अक्टूबर में लागू हुआ यह संघर्ष विराम ज्यादातर प्रभावी रहा था, लेकिन नवंबर में काबुल और इस्लामाबाद के बीच तनाव कम करने को लेकर चल रही वार्ताएं टूट गई थीं। इसके बावजूद, सीमा पर स्थितियां नियंत्रण में बनी हुई थीं—जब तक कि शुक्रवार की रात फायरिंग की यह घटना नहीं हुई।

यह झड़प ऐसे समय हुई है जब एक दिन पहले पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को चमन और तोरखम बॉर्डर क्रॉसिंग से अफगानिस्तान में राहत सामग्री भेजने की अनुमति दी थी। ये दोनों मार्ग लगभग दो महीनों से तनाव के चलते बंद पड़े थे।

किसने पहले फायरिंग की? मतभेद बरकरार

पाकिस्तान की ओर से:
चमन क्षेत्र के एक स्थानीय पुलिस अधिकारी मोहम्मद सादिक ने दावा किया कि फायरिंग अफगानिस्तान की ओर से शुरू हुई, जिसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की।

अफगानिस्तान की ओर से:
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर लिखा,“दुर्भाग्य से आज शाम पाकिस्तानी पक्ष ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में फिर हमला किया, जिसके जवाब में इस्लामिक अमीरात की सेनाओं ने प्रतिक्रिया दी।”

अफगान सीमा पुलिस के प्रवक्ता अबीदुल्लाह फारूकी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने पहले स्पिन बोल्डक क्षेत्र में एक ग्रेनेड फेंका, जिसके बाद अफगान बलों ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान संघर्ष विराम के प्रति प्रतिबद्ध है।

वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के प्रवक्ता मोशर्रफ ज़ैदी ने एक्स पर लिखा कि “अफगान तालिबान शासन ने चमन सीमा पर बिना उकसावे के फायरिंग की।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी बल पूरी तरह सतर्क हैं और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अक्टूबर की हिंसा के बाद संबंधों में आई दरार

अक्टूबर में दोनों देशों के बीच हुए घातक संघर्षों में दर्जनों सैनिक, नागरिक और संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे तथा सैकड़ों लोग घायल हुए थे। 9 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के बाद तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था और बदला लेने की चेतावनी दी थी। इसके बाद सीमा पर हिंसा अपने चरम पर पहुंच गई थी।

कतर की मध्यस्थता से बना संघर्ष विराम स्थिति को कुछ हद तक शांत करने में सफल रहा, लेकिन इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता किसी समझौते पर नहीं पहुंच सकी।

TTP की मौजूदगी को लेकर भी बढ़ रहा तनाव

पाकिस्तान ने देश में हो रहे अधिकांश आतंकी हमलों के लिए तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि TTP, अफगान तालिबान से अलग संगठन है, लेकिन दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। माना जाता है कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई TTP लड़ाके अफगान सीमा में पनाह ले चुके हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं।