बड़ा खुलासाः पाकिस्तान में किन्नरों का खुलेआम हो रहा सौदा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-04-2021
खुर्शीदा बेगम
खुर्शीदा बेगम

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

पड़ोसी पाकिस्तान से अक्सर अल्पसंख्यकों के प्रताड़ित किए जाने की खबरें आती रहती हैं. यहां तक कि हाल में ईसाई और हिंदू लड़कियों को चीनियों के हाथ बेचने के भी समाचार सामने आ चुके हैं. मगर सरहद पार से पहली बार एक और दिल दहलाने वाला समाचार सामने आया है. पाकिस्तान में  खुलेआम किन्नरों का सौदा किया जा रहा है. किन्नरों का कहना है कि परिवार और समाज से ठुकराए जाने के बाद उन्हें किन्नर समाज सहारा देता है. मगर उनमें से कई किन्नरों के सरदार ऐसे हैं कि अपने ‘बच्चों’ का ही लाखों में सौदा कर देते हैं. इस रहस्य पर से पर्दा उठाने वाली पाकिस्तान के पंजाब की किन्नर खुर्शीदा बेगम सवाल करती हैं, “क्या कोई अभिभावक अपने बच्चे का सौदा कर सकता है?”

खुर्शीदा बेगम को किन्नरों के गैंग से बड़ी मुश्किल से छुटकारा मिला है. वह बताती हैं कि जब उन्होंने अपने किन्नर उस्ताद से उनका समाज छोड़ने की बात कही, तो उन्हें मारा-पीटा गया. कलाइयों में सोने के चार कड़े थे. वह भी उतार लिए गए.एक सुबह 12 लाख रुपये में उसका सौदा किए जाने का पता चला. जब इस सौदे का विरोध किया, तो मार-पिटाई की गई.

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खुर्शीदा बेगम 


उन्होंने बताया कि बहुत मिन्नत-समाजत के बाद उसके किन्नरों का सरदार उसे छोड़ने को राजी हो गया. साथ ही घोषणा की गई कि जिसने भी खुर्शीदा को अपने पास रखने की कोशिश की, उसे 12 लाख रुपये अदा करने होंगे.

इस मामले में खुर्शीदा बेगम ने पंजाब प्रांत के दो थानों शफीकाबाद और इसरा में प्राथमिकी दर्ज कराई है. शफीकाबाद में डरा-धमका कर उससे समझौता करा दिया गया, परंतु इसरा थाने में मामला अभी भी यथावत है. खुर्शीद बेगम का कहना है कि इस मामले में वह सरकार से भी गुहार लगा चुकी है, पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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खुर्शीदा बेगम 


पाकिस्तान में किन्नरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ट्रांस संरक्षण अधिनियम, 2018 लागू किया है. इसके बावजूद उन्हें कहीं कोई सुरक्षा नहीं मिल रही है. पाकिस्तान के एक न्यूज पोर्टल ‘सिविकस’ में  छपी रिपोर्ट ‘वायलेंस एगेंस्ट ट्रांजेंडर पीपुल्स इन पाकिस्तान’ में इमरान नामक एक किन्नर ने लिखा है कि अधिनियम लागू होने से हालात तो थोड़े बदले हैं, पर ऐसा नहीं कि उन्हें समाज में स्वीकार्यता मिल गई हो. समाज के यह सबसे ज्यादा तिरस्कृत लोग हैं. आए दिन इनके साथ हिंसा की घटनाएं होती हैं. जबरन शारीरिक शोषण किया जाता है.

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शिकायत


खुर्शीदा बेगम का कहना है कि मुहल्लोें एवं समाज के तानों से परेशान होकर छह वर्ष पहले वह घर छोड़कर किन्नर समाज के बीच रहने चली गई थी. पहले उसका बड़े प्यार से स्वागत किया गया. बाद में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. कहीं आने-जाने की मनाही थोप दी गई. अपनी मर्जी का कुछ नहीं कर सकते.

उन्होंने बताया कि शक्ल-सूरत से जो किन्नर ठीक होते हैं, उन्हें नाचने-गाने के काम में लगा दिया जाता है. जबकि जो साधारण से दिखते हैं, उन्हें रोड के सिग्नल और ट्रेन-बसों में भीख मांगने के लिए छोड़ दिया जाता है. कुल कमाई का किन्नर के उस्ताद मात्र दो प्रतिशत ही देते हैं. नाचने-गाने वालों को अच्छे कपड़े खरीदने के लिए अतिरिक्त पैसे दिए जाते हैं.

खुर्शीदा बेगम ने अपनी आपबीती सबसे पहले सोशल मीडिया पर साझा की थी. उसके बाद पाकिस्तान के अखबार ‘रोजनामा पाकिस्तान’ को दिए एक इंटरव्यू में विस्तारपूर्वक अपनी बातें रखीं. अखबर के यूट्यूब चौनल के माध्यम से उन्होंने अपने किन्नर गुरू का वह वीडियो भी वायरल किया है, जिसमें वह पैसे लेने की बात कहती सुनाई देती है.