काठमांडू (नेपाल)
नेपाल में शनिवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। यह भूकंप सुबह 3:59 बजे (भारतीय मानक समय) आया और इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही।
NCS ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा:
"भूकंप, तीव्रता: 3.4, दिनांक: 26/07/2025, समय: 03:59:55 IST, अक्षांश: 27.10°N, देशांतर: 84.71°E, गहराई: 10 किमी, स्थान: नेपाल।"
अब तक किसी प्रकार की जनहानि या संरचनात्मक नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, उथले भूकंप (कम गहराई वाले) अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि इनसे ऊर्जा सतह के नजदीक निकलती है, जिससे झटके अधिक तेज़ महसूस होते हैं और इमारतों को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। इसके विपरीत, गहरे भूकंप सतह तक पहुंचने से पहले ही ऊर्जा का काफी हिस्सा खो देते हैं।
नेपाल एक अत्यधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्र है क्योंकि यह भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर वाली सीमा पर स्थित है। इन प्लेटों की टक्कर के कारण ज़मीन के भीतर अत्यधिक दबाव और तनाव पैदा होता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में निकलता है।
नेपाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय माना जाता है। भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकने की प्रक्रिया (सबडक्शन) से यहां बार-बार तीव्र भूकंप आते हैं। इसी टकराव की वजह से हिमालय पर्वत का भी निर्माण हो रहा है, जो इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना को और बढ़ाता है।
नेपाल का भूकंपों का एक लंबा और त्रासद इतिहास रहा है, जिसमें वर्ष 2015 का विनाशकारी भूकंप विशेष रूप से उल्लेखनीय है।