Discussion on social media regarding the post related to the report of Iranian newspaper
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ईरान और भारत के रिश्तों के बीच बदलते माहौल और वैश्विक टकराव की छाया के बीच मुंबई स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास ने भारतीय सिनेमा की सबसे मशहूर फिल्मों में से एक ‘शोले’ को याद करते हुए एक खास पोस्ट साझा की.
मंगलवार को वाणिज्य दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ईरानी अखबार की रिपोर्ट साझा की जिसमें ‘शोले’ की लोकप्रियता और उसकी 50वीं वर्षगांठ को लेकर लिखा गया था। पोस्ट के साथ एक कैप्शन में लिखा गया, "कला और सिनेमा की भाषा सीमाओं से परे होती है. शोले, जो अब 50 साल पूरे करने वाली है, आज भी दिलों पर राज करती है — भारत में भी और ईरान में भी."
ईरानी अखबार ने ‘शोले’ को "एक्शन और दोस्ती का प्रतीक" बताया और जया भादुरी, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, अमजद खान और संजीव कुमार जैसे कलाकारों के अभिनय की सराहना की. यह पोस्ट ऐसे समय में सामने आई है जब दुनियाभर में राजनीतिक उथल-पुथल और सांस्कृतिक टकराव की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में ईरानी दूतावास की इस सांस्कृतिक पहल को लोग दो देशों के बीच मानवीय और कलात्मक जुड़ाव का संकेत मान रहे हैं.
भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इस पोस्ट का गर्मजोशी से स्वागत किया। कई यूज़र्स ने ईरान में बॉलीवुड की लोकप्रियता को लेकर अपनी हैरानी और खुशी ज़ाहिर की, तो कुछ ने इसे भारत-ईरान संबंधों के लिए एक "सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी" का सुंदर उदाहरण बताया.
गौरतलब है कि ‘शोले’, जो पहली बार 1975 में रिलीज़ हुई थी, न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में अपने दमदार किरदारों, संवादों और भावनात्मक कहानी के लिए आज भी एक मिसाल मानी जाती है. फिल्म की 50वीं वर्षगांठ 2025 के अंत तक मनाई जानी है और ऐसी उम्मीद है कि भारत में भी इस मौके पर विशेष कार्यक्रम और स्क्रीनिंग्स का आयोजन किया जाएगा.