न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन
अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। यह वही संगठन है जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने TRF को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (FTO) और स्पेशली डिज़िग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) सूची में डालने की घोषणा की है।
रुबियो ने कहा,“TRF और इसके सभी संबद्ध नामों को लश्कर-ए-तैयबा की FTO और SDGT सूची में जोड़ा गया है। यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा, आतंकवाद से मुकाबले और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहलगाम हमले पर न्याय की पुकार को लागू करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
उन्होंने आगे कहा कि “यह हमला भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद नागरिकों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला था। TRF ने भारतीय सुरक्षा बलों पर भी कई हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिनमें हालिया 2024 का हमला शामिल है।”
वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने X पर लिखा,
“आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी का एक और उदाहरण। TRF को FTO और SDGT के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग का धन्यवाद। TRF लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी है और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। आतंकवाद पर ZERO TOLERANCE!”
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। बाद में जांच में TRF प्रमुख शेख सज्जाद गुल को मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना गया।
इस हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
मई के अंत में भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों—जिनमें वॉशिंगटन भी शामिल था—में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद से रिश्तों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर किया जा सके।