पाकिस्तान को कोरोना वैक्सीन....प्यार तो होना ही था

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
पाकिस्तान को मिलेंगी 45 मिलियन भारतीय वैक्सीन
पाकिस्तान को मिलेंगी 45 मिलियन भारतीय वैक्सीन

 

 

मलिक असग हाशमी / नई दिल्ली

ना ना करके प्यार तुम्ही से कर बैठे... फिल्म जब-जब फूल खिले का यह चर्चित गाना तो सुना ही होगा. फिलहाल यह पाकिस्तान के संदर्भ में पूरी तरह फिट बैठता है. भारत ने कुछ दिनों पहले विश्व के दूसरे देशों की तरह, जब पड़ोसी मुल्क के भी मांगने पर उसे कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात कही थी, तब हेकड़ी दिखाते हुए उसने मदद लेने से मना कर दिया था. तब कहा था कि वह केवल चीन की वैक्सीन इस्तेमाल करेगा. अब वह एक अन्य चैनल के माध्यम से भारतीय कोरोना वैक्सीन लेने की तैयारी कर रहा है.

ऐसा नहीं कि उसने चीन से वैक्सीन नहीं ली. ली, वह भी दान में. करीब 10 लाख वैक्सीन. मगर पाकिस्तानी अवाम को चीन की वैक्सीन पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं. मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो पाकिस्तान की जनता खुले तौर पर कह रही है कि चीन की वैक्सीन नकली है. उन्हें भारत की वैक्सीन पर अधिक भरोसा है.

वैसे भी 22 करोड़ की जनसंख्या वाले पाकिस्तन के लिए 10 लाख वैक्सीन ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. इसलिए पाकिस्तान भारत के साथ कुछ और देशों की तरफ भी याचना भरी नजरों से देख रहा है. बताते हैं कि पाकिस्तान ने चार कंपनियों से अपने देश में कोरोना वैक्सीन मंगाने को लेकर करार किया है. उसे चीन की वैक्सीन अधिक महंगी पड़ रही है. पाकिस्तान से मिल रही सूचनाओं की मानें, तो जैसे ही पाकिस्तानियों को भारत में बनी वैक्सीन मिलने की खबर मिली. सभी में खुशी की लहर दौड़ गई. पाकिस्तान ने भारत में बनी वैक्सीन लेने की न केवल हामी भरी है, अपितु इसकी जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने अवाम से साझा भी कर दी है.

पाकिस्तान में कोरोना ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. वहां के अखबार डॉन के अनुसार गत दो दिनों से दो हजार नए मामले रोजाना दर्ज हो रहे हैं. पिछले महीने स्थिति ज्यादा खराब थी. इस बीच पाकिस्तान ने बुधवार से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने का भी सिलसिला शुरू कर दिया है. इन परिस्थियों में यदि पर्याप्त मात्रा वैक्सीन हो, तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. पाकिस्तान में अभी तक पूरे तौर पर फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन के दोनों डोज नहीं दिए जा सके हैं. ऐसे में पाकिस्तान के पास कारगर वैक्सीन का न होना वाकई चिंताजनक है. वैक्सीन के मामले में जहां भारत की पूरे विश्व में प्रशंसा हो रही. अधिकांश देश इसकी ओर आस भरी नजरों से देखे जा रहे हैं. यहां तक कि ‘इंडो-पेसिफिक’ ने भी भारत की वैक्सीन को गुणवत्ता के लिहाज से अव्वल करार दे दिया है. ऐसे में पाकिस्तान का भारत के आगे घुटने टेकना तो बनता ही है.

इस तरह पाकिस्तान को भारत से कोरोना वैक्सीन मिलने की खबर जब से मिली है. तंगहाली में उम्मीद से भर गया है.

पाकिस्तान को मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन की 45मिलियन डोज मुफ्त में मिलेगी. भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए अन्य देशों की तरह पाकिस्तान को भी वैक्सीन देने का फैसला किया है. हालांकि यह वैक्सीन उसके पास सीधे न जाकर ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन (गावी) के माध्यम से मार्च के अंत तक पहुंचेगी. यही नहीं संयुक्त राष्ट्र की माध्यम से भी भारत में निर्मित वैक्सीन पाकिस्तान को मिलने वाली है. उसके यहां भारत से मिलने वाली वैक्सीन के लगाने का सिलसिला जून तक चलेगा.

बता दूं कि पाकिस्तान ने सितंबर 2020 में गावी के साथ समझौता किया था. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड की 1.6 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक मार्च के अंत तक पाकिस्तान पहुंचेगी. उसे 45 मिलियन खुराक जून तक कई किस्तों में मिलेगी. पाकिस्तान फिल्हाल कोरोना वैक्सीन खरीदने में असमर्थ है. भारतीय वैक्सीन मिलने की खबर के साथ उसने 4.5 करोड़ आबादी के लिए टीकाकरण के अभियान की शुरुआती तैयारी प्रारंभ कर दी है.

इस बारे में पाकिस्तान के एक अखबार में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बताया कि पाकिस्तान को भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की खुराकें इस महीने से मिलने लगेंगी. ख्वाजा के मुताबिक, अब तक पाकिस्तान के 27.5 मिलियन लोगों को कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, जो नाकाफी हैं. सभी फ्रंट लाइन वर्कर और वरिष्ठ नागरिक को कोरोना टीका नहीं लग पाया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अधिकारियों ने पीएसी को बताया कि पाकिस्तान का टीकाकरण कार्यक्रम मुख्य तौर पर गावी के जरिये मिलने वाली मुफ्त वैक्सीन पर निर्भर है. चीन निर्मित वैक्सीन कैनसिनो की कीमत पाकिस्तानी मुद्रा में प्रति व्यक्ति करीब दो हजार रुपये (13 डॉलर) पड़ रही है.

बताते हैं, पाकिस्तान ने अभी तक चार टीकों, सिनोफ्राम (चीन), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), स्पूतनिक-वी (रूस) और कैनसिनो बायो (चीन) का पंजीकरण किया है. भारत लगातार अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन की सप्लाई कर रहा है. इस मुहिम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ हो रही है. संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के इस कदम को सराहा है.