चीनी प्रतिनिधि ने मानवाधिकार परिषद में अमेरिका के नरसंहार संबंधी अपराधों को निर्दिष्ट किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-06-2021
चीनी प्रतिनिधि  किया
चीनी प्रतिनिधि किया

 

बीजिंग. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय स्थित चीन के स्थायी प्रतिनिधिमंडल के च्यांग तुआन मंत्री ने 28 जून को यूएन मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नरसंहार की रोकथाम के प्रभारी विशेष सलाहकार के साथ संवादात्मक बातचीत की.

उसी दौरान उन्होंने अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी देशों के नरसंहार संबंधी अपराधों को निर्दिष्ट किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पूर्ण जांच करने और अपराधियों को जवाबदेही ठहराने का आह्वान किया. च्यांग तुआन ने कहा कि नरसंहार का अपराध मान्यता प्राप्त एक गंभीर अंतर्राष्ट्रीय अपराध है, जो मानव जाति के लिए दुखद आपदाएं लाता था.

इसके विनाशकारी प्रभाव आज भी मौजूद हैं. अमेरिका ने अपनी स्थापना के लगभग 100 वर्षों में वेस्टवर्ड मूवमेंट के जरिए रेड-इंडियंस को खदेड़ दिया और उनकी हत्या कर दी. अमेरिकी रेड-इंडियंस की आबादी 15 वीं सदी के अंत में 50 लाख से घटकर 20 वीं सदी की शुरुआत में 2.5 लाख हो गई.

अभी वे फिर भी दूरस्थ और उजाड़ 'आरक्षित क्षेत्र' में रहते हैं. कनाडा ने 1.5 लाख आदिवासी बच्चों को अपने में मिला लेने के लिए बोर्डिग स्कूलों में जबरन भेजा। कम से कम 3,200 बच्चों की उत्पीड़न से मौत हो गई. यह सिर्फ कनाडा के नरसंहार में मारे गए आदिवासियों की संख्या के हिमचट्टान की नोक है.

अन्य पश्चिमी देशों ने भी उपनिवेश बनाने और अन्य देशों पर आक्रमण करने की प्रक्रिया में नरसंहार और मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध किए. च्यांग तुआन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सभी नरसंहार अपराधों की पूर्ण, निष्पक्ष और गहन जांच करने, अपराधियों को जवाबदेही ठहराने, दंड से मुक्ति को रोकने और नस्लवाद, नस्लीय भेदभाव और अन्य नरसंहार अपराधों की जहर को खत्म करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)