पंकज दास / काठमांडू
नेपाल में चीन के राजदूत को भारत के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणी करने पर सरकार ने फटकार लगाते हुए नसीहत दी है. चीनी राजदूत को विदेश मंत्री ने बुलाकर कूटनीतिक मर्यादा उल्लंघन नहीं करने का कडा निर्देश दिया. इतना ही, प्रधानमंत्री कार्यालय में भी चीनी राजदूत को अपनी सीमा न लांघने को कहा गया है.
संसद की अंतर्राष्ट्रीय संबंध समिति के निर्देश के बाद नेपाल के विदेश मंत्री एनपी साउद ने चीनी राजदूत को अपने कार्यकक्ष में बुलाकर नसीहत दी है. मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि मंत्री ने चीनी राजदूत से भारत के खिलाफ बयानबाजी करने को लेकर जमकर फटकार लगाई है. सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री साउद ने नेपाल भारत के बीच संबंध को लेकर राजदूत की तल्ख टिप्पणी पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
मंगलवार को अपराह्न करीब चार बजे विदेश मंत्री के कार्यकक्ष में पहुंचे चीनी राजदूत से विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल भारत के संबंध को लेकर टिप्पणी करने का अधिकार किसी तीसरे देश का नहीं है. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत का संबंधों की तुलना दुनियां के किसी भी देश से नहीं की जा सकती है. ऐसे में राजदूत की टिप्पणी कूटनीतिक मर्यादा के खिलाफ है. विदेश मंत्री साउद ने दुबारा इस तरह की टिप्पणी नहीं करने की नसीहत भी दी.
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इस बारे में विदेश मंत्री साउद ने सिर्फ इतना ही कहा कि चीनी राजदूत से इस संबंध में बात की गई है. इससे अधिक कुछ भी कहने से उन्होंने इंकार कर दिया. साउद ने कहा कि संसदीय समिति के निर्देशन के बाद चीनी राजदूत को बुलाकर उनकी टिप्पणी पर सरकार के आधिकारिक धारणा को बता दिया गया है. चूंकि यह बहुत ही संवेदनशील विषय है. इसलिए इससे अधिक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती है.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सेवा लम्साल ने चीनी राजदूत के विदेश मंत्री से मुलाकात की खबर पर तो मुहर लगा दी, लेकिन इस बारे में कुछ भी कहने से बचती रही. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री और चीनी राजदूत के बीच मुलाकात को लेकर कोई भी बात सार्वजनिक नहीं करने का निर्देश है.
सिर्फ विदेश मंत्री ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री दफ्तर में भी चीनी राजदूत को इसी मामले में तलब किया गया था. नेपाल के पीएमओ मटें चीनी राजदूत को बुलाकर उनकी टिप्पणी के कारण प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड की प्रस्तावित चीन यात्रा पर नकारात्मक असर पडने की बात कही गई. पीएमओ के मुख्य सचिव वैकुण्ठ अर्याल ने चीनी राजदूत को अमर्यादित बयान देने पर पीएम प्रचण्ड के नाराज होने और 23-27 सितम्बर तक उनके चीन भ्रमण पर इसका असर पडने की बात कही. पीएमओ से जुडे सूत्रों ने कहा कि मुख्य सचिव ने चीनी राजदूत से किसी भी दूसरे देश के संबंध को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि चीन के राजदूत छेन सोंग ने ‘भारत जैसा पडोसी होना नेपाल के लिए दुर्भाग्य’ होने जैसी गैर कूटनीतिक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि नेपाल की भारत पर निर्भरता और नेपाल का भारत के साथ व्यापारिक संबंध के कारण नेपाल कभी भी आर्थिक प्रगति नहीं कर सकता है. इतना ही नहीं चीनी राजदूत ने भारत का अपने पडोसी देशों के लिए नीति ही गलत होने की बात कही थी. कूटनीतिक मर्यादा को ताक पर रखते हुए चीनी राजदूत ने नेपाल को भारत के साथ व्यापारिक संबंध को कम करते हुए चीन के साथ व्यापार को बढाने की बात कही.
चीन के राजदूत की इस टिप्पणी का नेपाल में बहुत ही विरोध हो रहा है. संसदीय समिति ने चीन के राजदूत को मर्यादा में रहने को कहा है. नेपाल के सांसदों ने संसद में ही चीन के राजदूत को देश निकाला देने की मांग की है.