बांग्लादेश: संपादक परिषद के अध्यक्ष का आरोप,अंतरिम सरकार हिंसा को रोकने में बरती ढिलाई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-12-2025
Bangladesh: Editor's Council chairman alleges interim government was negligent in preventing violence.
Bangladesh: Editor's Council chairman alleges interim government was negligent in preventing violence.

 

ढाका

बांग्लादेश में पत्रकारों और नागरिक समाज के बीच चिंता बढ़ाने वाला एक बड़ा बयान सामने आया है। देश की समाचार पत्रों की संपादक परिषद के अध्यक्ष नूरूल कबीर ने शनिवार को आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार के एक वर्ग ने ‘इंकलाब मंच’ के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।

कबीर ने यह टिप्पणी ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट्स सेंटर (बीजेसी) के एक कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान शरीफ उस्मान हादी को सिर में गोली मारी गई थी। गंभीर रूप से घायल हादी को बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।

हादी की मौत की खबर सामने आते ही उसी शाम राजधानी ढाका में हिंसा भड़क उठी। उग्र भीड़ ने देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों डेली स्टार और प्रोथोम आलो के कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ की। इसके अलावा, 50 वर्षों से अधिक पुराने प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठनों—छायानात और उदिची शिल्पी गोष्ठी—की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

हिंसा यहीं नहीं रुकी। मैमनसिंह में एक कारखाने के हिंदू मजदूर की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव और गहरा गया।

नूरूल कबीर ने कहा, “हम सब जानते हैं कि हमलों से एक-दो दिन पहले प्रोथोम आलो, डेली स्टार और छायानात के परिसरों पर हमले की खुलेआम घोषणा की गई थी। देश की जनता और सरकार—दोनों को पता था कि यह घोषणाएं किसने की थीं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद सरकार ने संबंधित लोगों को गिरफ्तार नहीं किया और न ही हिंसा को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की। “इसी आधार पर हमारा मानना है कि सरकार के भीतर एक वर्ग ने इस उत्पात को जारी रहने दिया,” कबीर ने कहा।

इस बयान के बाद बांग्लादेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मीडिया की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज ने सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तेज कर दी है।