इज़रायल के ‘सोमालिलैंड’ को मान्यता दिए जाने के खिलाफ अरब लीग की आपात बैठक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-12-2025
Arab League holds emergency meeting against Israel's recognition of 'Somaliland'.
Arab League holds emergency meeting against Israel's recognition of 'Somaliland'.

 

काहिरा/नई दिल्ली।

Arab League ने इज़रायल द्वारा तथाकथित ‘सोमालिलैंड’ को मान्यता दिए जाने के फैसले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है। अरब लीग के जनरल सेक्रेटेरिएट ने शनिवार को घोषणा की कि रविवार को अरब लीग परिषद की स्थायी प्रतिनिधियों (Permanent Representatives) के स्तर पर एक आपात बैठक आयोजित की जाएगी।

अरब लीग ने अपने बयान में कहा कि यह बैठक Somalia के अनुरोध पर बुलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य सोमालिया की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी एकतरफा कदम या फैसले को सिरे से खारिज करना है। काहिरा स्थित अरब लीग मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि सदस्य देश इज़रायल के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ मानते हैं।

बयान में कहा गया कि प्रस्तावित बैठक में अरब देशों की यह सामूहिक और स्पष्ट अस्वीकृति दोहराई जाएगी कि किसी भी बाहरी शक्ति को सोमालिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने या उसके भू-भाग को लेकर अलग निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। बैठक में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन और इस विषय पर पहले से मौजूद अरब लीग तथा African Union के प्रस्तावों के प्रति प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया जाएगा।

अरब लीग ने यह भी कहा कि इस आपात बैठक का उद्देश्य सोमालिया के साथ पूर्ण एकजुटता प्रदर्शित करना है। लीग ने संकेत दिया कि वह सोमालिया की वैध सरकार और संस्थानों का समर्थन जारी रखेगी, ताकि हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखी जा सके।

गौरतलब है कि सोमालिलैंड, सोमालिया का एक स्वघोषित अलग क्षेत्र है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। इज़रायल द्वारा इसे मान्यता दिए जाने की खबरों ने न सिर्फ सोमालिया, बल्कि पूरे अरब और अफ्रीकी जगत में चिंता पैदा कर दी है। कई देशों का मानना है कि इस तरह के कदम से क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता और तनाव बढ़ सकता है।

अरब लीग की यह आपात बैठक आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर अरब देशों की साझा रणनीति तय करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सोमालिया के पक्ष को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।