वॉशिंगटन
ट्रंप प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण NASA मिशनों को बंद करने की योजना बनाई है जो पृथ्वी पर ग्रीनहाउस गैसों और पौधों के स्वास्थ्य की निगरानी करते हैं। इन मिशनों को बंद करने से वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और किसानों के लिए एक अहम डेटा स्रोत बंद हो सकता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वित्त वर्ष 2026 के बजट प्रस्ताव में ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी मिशनों के लिए कोई फंडिंग नहीं रखी गई है। ये मिशन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन और अवशोषण के स्थानों को बेहद सटीकता से दिखाते हैं और साथ ही फसलों की स्थिति की निगरानी भी करते हैं।
NASA ने बुधवार को एक ईमेल बयान में कहा कि ये मिशन अब अपने "मुख्य कार्यकाल" से आगे निकल चुके हैं और इन्हें राष्ट्रपति के एजेंडा और बजट प्राथमिकताओं के अनुसार बंद किया जा रहा है।
हालांकि, इन मिशनों से जुड़े उपकरण — एक 2014 में लॉन्च किया गया स्वतंत्र उपग्रह और दूसरा 2019 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जोड़ा गया यंत्र — अब भी विश्व में मौजूद या योजनागत अन्य किसी सिस्टम की तुलना में अधिक संवेदनशील और सटीक हैं। इन्हें विकसित करने वाले सेवानिवृत्त NASA वैज्ञानिक डेविड क्रिस्प ने इन्हें "राष्ट्रीय संपत्ति" बताते हुए बचाए जाने की मांग की।
क्रिस्प ने बताया कि इन उपकरणों की मदद से वैज्ञानिक यह जान पाए कि अमेजन वर्षावन अब कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करने की बजाय उत्सर्जित कर रहा है, जबकि कनाडा, रूस और पर्माफ्रॉस्ट पिघलने वाले क्षेत्रों के बोरेल वनों में कार्बन का अवशोषण उत्सर्जन से अधिक हो रहा है।
ये उपकरण पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया से निकलने वाली "चमक" को भी पहचान सकते हैं, जिससे सूखे की निगरानी और संभावित खाद्य संकट की पूर्व चेतावनी दी जा सकती है — जो नागरिक अशांति और अकाल जैसे खतरों को टालने में मददगार हो सकती है।
क्रिस्प ने कहा, "यह वास्तव में बेहद महत्वपूर्ण है। हम इस तेजी से बदलते ग्रह के बारे में बहुत कुछ सीख रहे हैं।"
मिशनों को समाप्त करने का निर्णय "बेहद अल्पदृष्टि" वाला है, ऐसा कहना है मिशिगन विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक जोनाथन ओवरपेक का। उन्होंने कहा, "इन सैटेलाइट्स से प्राप्त आंकड़े जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से निपटने में बेहद जरूरी हैं — अमेरिका में भी।"
क्रिस्प और अन्य वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अमेरिकी कांग्रेस इन मिशनों के लिए फंडिंग को बचाएगी। ये मिशन वर्तमान में उस वित्तीय वर्ष तक वित्तपोषित हैं जो 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है।
हाउस (निचले सदन) में एक प्रस्ताव राष्ट्रपति के अनुरूप है और मिशनों को समाप्त कर देगा, जबकि सीनेट का प्रस्ताव इन्हें संरक्षित करता है। लेकिन कांग्रेस फिलहाल अवकाश पर है, और यह स्पष्ट नहीं है कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष से पहले बजट पारित हो पाएगा या नहीं।
यदि समय पर बजट पास नहीं होता, तो कांग्रेस जारी रखने वाला प्रस्ताव (continuing resolution) पारित कर सकती है, जिससे मौजूदा फंडिंग तब तक जारी रह सकेगी जब तक नया बजट पारित न हो। हालांकि कुछ सांसदों को आशंका है कि ट्रंप प्रशासन जानबूझकर उस धनराशि को रोक सकता है।
पिछले महीने कांग्रेस के डेमोक्रेट्स ने NASA के कार्यवाहक प्रशासक सीन डफी को चेतावनी दी थी कि पहले से स्वीकृत फंड को रोकना या मिशनों को समाप्त करना अवैध होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु विज्ञान में कटौती या उसे नजरअंदाज करने की ट्रंप प्रशासन की यह एक और कोशिश है।
पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक माइकल मान ने कहा, "ऐसा लगता है कि उनका सिद्धांत यह है कि अगर हम जलवायु परिवर्तन को मापना बंद कर दें, तो यह अमेरिकी चेतना से गायब हो जाएगा।"
क्रिस्प और अन्य वैज्ञानिक जापान और यूरोप जैसे बाहरी भागीदारों के साथ मिलकर एक साझेदारी बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़े उपकरण को आगे संचालित किया जा सके। NASA ने कहा है कि वह 29 अगस्त तक बाहरी प्रस्ताव स्वीकार करेगा।
हालांकि, स्वतंत्र रूप से उड़ने वाला उपग्रह खतरे में है और उसे वापस पृथ्वी की ओर भेजा जा सकता है, जिससे वह वायुमंडल में जलकर नष्ट हो जाएगा। नेशनल पब्लिक रेडियो (NPR) ने सबसे पहले रिपोर्ट किया था कि NASA के कर्मचारी इन मिशनों को समाप्त करने की योजना बना रहे हैं।
क्रिस्प ने कहा कि वे NASA से यह आग्रह कर रहे हैं कि इस उपग्रह को भी बाहरी नियंत्रण के लिए सौंपा जाए, क्योंकि यह पूरी पृथ्वी को कवर करता है। लेकिन ऐसा करने में कानूनी अड़चनें हैं, क्योंकि इसका मतलब होगा कि अमेरिकी उपग्रह का नियंत्रण विदेशी साझेदारों वाले समूह को सौंपना।
उन्होंने कहा, "हम अरबपतियों के पास जा रहे हैं, हम फाउंडेशनों से संपर्क कर रहे हैं। लेकिन... निजी उद्योग, व्यक्तियों या दानदाताओं पर यह जिम्मेदारी डालना वास्तव में बहुत गलत विचार है। इसका कोई मतलब नहीं बनता।"