द. अफ्रीका में सभी दलों ने भारत की आतंकवाद पर "जीरो टॉलरेंस" नीति को सराहा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 28-05-2025
All parties in South Africa praised India's
All parties in South Africa praised India's "zero tolerance" policy on terrorism

 

जोहान्सबर्ग

दक्षिण अफ्रीका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ यानी पूर्ण असहिष्णुता की नीति को जोरदार समर्थन मिला। इस कार्यक्रम में 350 से अधिक प्रवासी भारतीयों और स्थानीय भारतीय समुदाय ने भाग लिया। कार्यक्रम में भारत से आए सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक बताते हुए, भारत की वैश्विक आतंक के खिलाफ अडिग लड़ाई का समर्थन करने की अपील की।

यह प्रतिनिधिमंडल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-समाजवादी पार्टी (NCP-SP) के सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में, सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है जिसे भारत सरकार ने 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और भारत की प्रतिक्रिया से अवगत कराना है। यह दौरा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद किया जा रहा है जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

सभी प्रतिनिधियों ने इस हमले की बर्बरता का वर्णन करते हुए, 'ऑपरेशन सिंदूर' की भी जानकारी साझा की। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया।

सुप्रिया सुले ने कहा, “जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में शपथ ली थी, तब उन्होंने अपने सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को बुलाकर यह संदेश दिया था कि हम उपमहाद्वीप में शांति और सहयोग चाहते हैं। लेकिन पहलगाम हमले जैसी घटनाओं से यह सपना टूटा है। यह हमला हर भारतीय को झकझोर देने वाला था। मुझे खुशी है कि दक्षिण अफ्रीका ने भारत के साथ खड़े होकर इस हमले की कड़ी निंदा की।”

उन्होंने कहा कि यह हमला “भारत की आत्मा पर हमला” था और दुनिया को सच्चाई बताने की जरूरत है कि भारत आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य प्रमुख नेता थे:

  • राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर और वी मुरलीधरन (BJP)

  • मनीष तिवारी और आनंद शर्मा (कांग्रेस)

  • लावू श्रीकृष्ण देव रायालु (TDP)

  • विक्रमजीत सिंह साहनी (AAP)

  • पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन

सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “यह हमला हमारे सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश थी। भारत एक बहुलवादी देश है और विविधता हमारी पहचान है।”

वी. मुरलीधरन, जो विदेश राज्यमंत्री भी रह चुके हैं, ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को यह संदेश पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए कि आतंकवाद मानवता की प्रगति के खिलाफ है।

अनुराग ठाकुर ने कहा, “पाकिस्तान ही दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सूचीबद्ध 52 आतंकी संगठन और व्यक्ति मौजूद हैं।”

विक्रमजीत सिंह साहनी ने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला का हवाला देते हुए कहा कि भारत की अहिंसा की नीति की नींव दक्षिण अफ्रीका में ही रखी गई थी। उन्होंने ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ गीत गाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

आनंद शर्मा ने याद दिलाया कि भारत ने लंबे समय तक दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर संघर्ष किया, जिसमें खेल आयोजनों का बहिष्कार भी शामिल था।

यह प्रतिनिधिमंडल इससे पहले कतर गया था और अब अगले दो दिनों में केप टाउन में दक्षिण अफ्रीकी संसद और नागरिक समाज के नेताओं से मिलेगा। इसके बाद यह इथियोपिया और मिस्र की यात्रा करेगा।

भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इसके बाद 8, 9 और 10 मई को पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिसका भारत ने सख्ती से जवाब दिया।

यह दौरा भारत की ओर से दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।