आवाज द वाॅयस /अबू धाबी
अरब देशों में भी सनातन संस्कृति तेजी से फैल रही है. इस क्रम में अबू धाबी महापीठ की पहल से यहां निर्माणाधीन बीएपीएस हिंदू मंदिर के दरवाजे 2024 में आम आदमी के लिए खोले जाने की उम्मीद है. यहां महापीठ के एक समारोह में मंदिर की पहली मंजिल की नींव रखी गई.
अब तक भूतल का काम पूरा हो चुका है. इस समारोह में मंदिर के निर्माण के अगले चरण की शुरुआत को चिह्नित किया, ताकि 2024 में आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे खोले जा सकें.
स्वामी ब्रह्मविहारीदास, जो मंदिर के प्रमुख हैं, और स्वामी अक्षयमुनिदास स्वामी, जो अंतरराष्ट्रीय मंदिर निर्माण की देखरेख कर हैं हैं, ने संयुक्त अरब अमीरात के 500 से अधिक विशिष्ट मेहमानों के साथ समारोह में शरीक हुए. इस समारोह में संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत महामहिम संजय सुधीर, समुदाय के नेताओं और सदस्यों ने भी भाग लिया.
कार्यक्रम में भाग लेने वाले वास्तुकारों, तकनीकी सलाहकारों, सामुदायिक अधिकारियों और स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बनता था.बताया गया कि मंदिर की पहली मंजिल के निर्माण की महत्वपूर्ण विशेषता है, क्योंकि यह ‘गर्भगृह‘ (आंतरिक गर्भगृह) को आकार देगा जो मंदिर का केंद्र होगा.
इसमें देवी-देवता वास करेंगे. पत्थर पर नक्काशीदार मंदिर के अलावा, 55,000 वर्ग मीटर में फैले परिसर में एक बड़ा एम्फीथिएटर, प्रदर्शनी हॉल, पुस्तकालय, फूड कोर्ट और दो सामुदायिक हॉल भी शामिल होंगे. इसमें 5,000 लोगों के बैठने की कुल क्षमता होगी.
यूएई के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें सात मीनार भी होंगे.आर्किटेक्ट्स और इंजीनियरों ने मंदिर स्थल पर सटीक स्लॉट में भारत से भेजे गए कॉलम और नक्काशी से मेल खाने के लिए बड़ी मंजिल योजनाओं पर ध्यान दिया है.
बताया गया कि भूतल के अग्रभाग का काम लगभग पूरा हो चुका है. संगीतकारों, नर्तकियों, मोर, ऊंटों, घोड़ों और हाथियों से सजाए गए दृश्य के साथ हिंदू देवताओं के जीवन को चित्रित करने वाली नक्काशी के साथ पहली मंजिल का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा.
मंदिर के बाहरी हिस्से में 1,000 से अधिक देवी-देवताओं की नक्काशी को कोष्ठक में जोड़ा जाएगा, जिसमें हाथी के सिर वाले भगवान गणेश की कम से कम 30 प्रतिमाएं होंगी. मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियां प्राचीन सभ्यताओं का नमूना पेश करेंगी.