फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास का हमास पर तीखा हमला: “कुत्तों की औलाद, बंधकों को रिहा करो”

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-04-2025
Palestinian President Mahmoud Abbas launches scathing attack on Hamas: “Sons of dogs, release the hostages”
Palestinian President Mahmoud Abbas launches scathing attack on Hamas: “Sons of dogs, release the hostages”

 

रामल्लाह

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हमास के खिलाफ अब तक की सबसे तीखी सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए उसे "कुत्तों की औलाद" कहा है और गाजा पट्टी पर उसके नियंत्रण को समाप्त करने, इजरायली बंधकों को रिहा करने और समूह के निरस्त्रीकरण की मांग की है.

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम वार्ताएं तेज़ हो रही हैं और मिस्र जैसे देश हमास को हथियार छोड़ने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

अब्बास ने रामल्लाह से अपने टेलीविज़न संबोधन में कहा:

“कुत्तों की औलाद, बंधकों को रिहा करो और इजरायल को बहाना देना बंद करो.”

उन्होंने कहा कि गाजा पर इजरायल का हमला रोका जाना चाहिए, लेकिन बंधक बनाए जाने की घटनाएं इजरायल को हमले का बहाना देती हैं.
अब्बास का यह बयान फिलिस्तीनी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने पहली बार इतने स्पष्ट शब्दों में हमास की आलोचना की है.

हमास पर गंभीर आरोप

अब्बास ने आरोप लगाया कि हमास ने 2007 में गाजा पर जबरन कब्जा करके फिलिस्तीनी संघर्ष को गंभीर नुकसान पहुंचाया.

“इसने इजरायली कब्जे को जानबूझकर या अनजाने में वह सारे बहाने दे दिए जिनके जरिए वह गाजा में अपने अपराधों और साजिशों को अंजाम देता रहा। बंधकों की कैद, इनमें सबसे बड़ा बहाना है.”

अब्बास ने कहा कि अब समय आ गया है कि:

  • हमास गाजा पर अपना नियंत्रण छोड़ दे

  • अपने सभी प्रशासनिक कार्य फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (PLO) और वैध राष्ट्रीय प्राधिकरण को सौंप दे

  • हथियार डालकर एक राजनीतिक दल में तब्दील हो जाए

  • फिलिस्तीनी कानूनों और अंतरराष्ट्रीय वैधता का पालन करे

हमास का पलटवार

हमास ने राष्ट्रपति अब्बास के आरोपों को खारिज करते हुए उनकी "योग्यता" पर सवाल उठाया और कहा कि वे बार-बार इजरायली कब्जे की ज़िम्मेदारी फिलिस्तीनी जनता पर डालते हैं, जो बेहद संदिग्ध और निंदनीय है.

अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आह्वान

अब्बास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे संयुक्त राष्ट्र के पहले से पारित प्रस्तावों को लागू करें और एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित करें. उन्होंने फिलिस्तीन के सभी राजनीतिक गुटों को एकजुट करने और पीएलओ की छत्रछाया में राष्ट्रीय एकता स्थापित करने का भी आह्वान किया.

हमास-फतह के संबंधों का इतिहास

  • 2006: हमास ने विधान सभा चुनावों में जीत हासिल की और 2007 में गाजा पर नियंत्रण कर लिया.

  • 2017: काहिरा में सुलह समझौता हुआ जिसमें गाजा का नियंत्रण फिर से फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपे जाने की बात हुई.

  • 2018: उस वक्त के प्रधानमंत्री रामी हमदल्लाह पर गाजा दौरे के दौरान बम हमला हुआ, जिसके लिए फतह ने हमास को दोषी ठहराया.

  • 2023: हमास और फतह ने फिर से एकता के लिए समझौता किया, लेकिन अभी तक व्यावहारिक स्तर पर कोई ठोस परिणाम नहीं निकला.

महमूद अब्बास की यह कड़ी प्रतिक्रिया फिलिस्तीनी राजनीति में गंभीर मतभेदों और गाजा संकट की जटिलता को उजागर करती है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बयान को किस रूप में लेता है और क्या इससे हमास पर दबाव बढ़ता है.