लेखिका डॉ रख़्शन्दा रूही मेहदी इंदू बरारा स्मृति इस्मत् चुग़ताई पुरस्कार से सम्मानित

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-05-2023
लेखिका डॉ रख़्शन्दा रूही मेहदी इंदू बरारा स्मृति इस्मत् चुग़ताई पुरस्कार से सम्मानित
लेखिका डॉ रख़्शन्दा रूही मेहदी इंदू बरारा स्मृति इस्मत् चुग़ताई पुरस्कार से सम्मानित

 

नई दिल्ली

‘कथा रंग’ कहानी महोत्सव एवं अलंकरण समारोह ‘लिटरेरी फेस्टिवल’ ग़ाज़ियाबाद में देवबंद शहर की प्रख्यात कथाकार व लेखिका डॉक्टर रख़्शन्दा रूही मेहदी को ‘इंदू बरारा स्मृति इस्मत चुग़ताई कथा पुरस्कार  2021-22‘ से सम्मानित किया गया. मेहदी  को उनकी कहानी ‘ तेरी खामोशी है अभी.’ के लिए सम्मानित करते हुए सम्मान पत्र, सम्मान निधि,शाल प्रदान कर उनका अभिनंदन किया गया.
 
 कहानी महोत्सव में ‘कहानी का वर्तमान’ विषय पर विमर्श में लेखक व आलोचक प्रोफ़ेसर असलम जमशेदपुरी ने रख़्शन्दा की कहानी का उल्लेख करते हुए कहा - रूही की कहानियाँ आज कि औरत के संघर्ष के बल पर अपने अस्तित्व की पहचान बनाने की बात करती हैं.
 
उनकी कहानी की महिला पुरुष  के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर चलती है.नाज़ुक एहसासात के धरातल पर मज़बूत आत्मबल की इमारत तामीर करती है. रख़्शन्दा मेहदी की कहानी की लोकप्रियता की एक ख़ास वजह उनकी प्रवाहपूर्ण व आकर्षक भाषा शैली है. सुप्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने कहा कि जब सदी बदलती है तो कईं बदलाव लाती है.
 
आज की कहानी इसी बदलाव की साक्षी है. वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि ऐसे समारोह नए रचनाकारों को साहस व आगे बढ़ने का हौंसला प्रदान करते हैं. सुविख्यात समीक्षक राहुल देव ने कहा कि जीवंत भाषा शुद्धता का आग्रह करती है.
 
वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक प्रियदर्शन के शब्दों में —२१ वीं शताब्दी की कहानी का वर्तमान चुनौतियों से भरा है। आजकल की रचनात्मकता सोशल मीडिया पर निर्भर हो गई है.कवयित्री व कथाकार  रेणु हुसैन ने कहा कि कहानी हमारे समाज का वह दस्तावेज़ होती है जो आने वाली पीढ़ियों को हमारे वर्तमान का बोध करवाती है.
 
वरिष्ठ पत्रकार लेखक यतेंद्र यादव ने कहा कि साहित्य की यात्रा तब पूर्ण व सार्थक होती है, जब वह आम आदमी से जुड़ती है. अभिषेक उपाध्याय के विचार में जीवन में आ रहे बदलाव पर ध्यान दे कर किया गया लेखन ही दूर तक जाता है. वरिष्ठ साहित्यकार अशोक मैत्रेय , डॉ. नवीन चंद्र लोनी ने भी विचार व्यक्त किए. सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार आलोक पौराणिक व अभिनेता मनु कौशल मंचित ‘लेखक से मिलिए’ प्रस्तुति बेहद रोचक रही.
 
 प्रसिद्ध रंगकर्मी जे. पी. सिंह की नाट्य प्रस्तुति ‘छोड़ो कल की बातें’ भी सराहनीय रही. इस अवसर पर सुभाष चंदर, जितेन ठाकुर, नवीन कुमार भास्कर, द्विजेंद्र कुमार, आलोक यात्री, जवाहर चौधरी, कविता शर्मा व शोभनाथ शुक्ल की पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया.