उर्दू विश्वविद्यालय : साइबर सुरक्षा की कमी से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि पर संगोष्ठी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-03-2023
उर्दू विश्वविद्यालय : साइबर सुरक्षा की कमी से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि पर संगोष्ठी
उर्दू विश्वविद्यालय : साइबर सुरक्षा की कमी से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि पर संगोष्ठी

 

आवाज द वॉयस/हैदराबाद

उर्दू विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा की कमी से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में वृद्धि पर संगोष्ठी आयोजित की गई.इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लैंगिक समानता की बात करें तो इसमें न्याय, समान पहुंच और समान अवसर शामिल हैं.

कहा गया कि समाज में लैंगिक न्याय होना चाहिए. सोशल मीडिया पर हर कोई सक्रिय है, लेकिन साइबर सुरक्षा में चूक से साइबर अपराध और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है, खासकर महिलाओं के खिलाफ.अनुराग विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलसचिव प्रो सैयद समीन फातिमा ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के सैयद हामिद पुस्तकालय सभागार में आयोजित संगोष्ठी लिंग समानता और डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा’ पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आमतौर पर करीबी रिश्तेदार ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल होते हैं. इसलिए सावधानी जरूरी है.

संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के संबंध में आंतरिक शिकायत समिति, निर्देशात्मक मीडिया केंद्र, संगीत क्लब, नाटक क्लब, फिल्म क्लब और साहित्य क्लब के सहयोग से किया गया. अध्यक्षता प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन कुलपति ने की.

प्रो ऐनुल हसन ने अपने उद्बोधन में कहा कि उर्दू विश्वविद्यालय शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत ही सुरक्षित संस्थान है. महिलाओं के मुद्दे वैश्विक हैं. लड़कियां हों या लड़के टेक्नोलॉजी का सुरक्षित इस्तेमाल करें. साइबर सुरक्षा को लेकर समाज में जागरूकता जरूरी है. इंटरनेट बहुत तेजी से बदल रहा है. हमें इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने के लिए नजर रखनी चाहिए. नई तकनीक ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाया है.

माई चॉइस फाउंडेशन की प्रोग्राम हेड डॉ. फरजाना खान ने कहा कि अब अपराध अॉनलाइन हो रहे हैं. इनकी शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं. जब लड़कियों में शिक्षा का अभाव होता है तो कम उम्र में विवाह की दर बढ़ जाती है.

इसके अलावा और भी परेशानियां बढ़ जाती हैं. इसलिए जन जागरूकता जरूरी है. मुहम्मद आरिफ अली खान, मुख्य फोरेंसिक विश्लेषक, एसवीपी, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद ने कहा कि कोविड के दौर में महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई.

हालांकि उनके सुरक्षा उपायों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन वे साइबर क्राइम के निशाने पर हैं. लड़कियों को आमतौर पर यह नहीं पता होता है कि साइबर क्राइम की शिकायत कैसे और कहां की जाए. कार्यक्रम के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमीना तहसीन ने कार्यक्रम का संचालन किया.

डॉ. शबाना केसर, सहायक प्राध्यापक ने धन्यवाद पेश किया. आतिफ इमरान, इस्लामिक स्टडीज ने पवित्र कुरान के पाठ के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की.