नई दिल्ली
ओडिशा के बालासोर ज़िले स्थित फकीर मोहन कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार होने और न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने की हृदयविदारक घटना पर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती रहमतुन्निसा ए ने गहरा शोक और तीव्र रोष व्यक्त किया है।
मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा,
"यह सिर्फ प्रशासन की विफलता नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक और संस्थागत ढांचे का नैतिक पतन है।"
उन्होंने कहा कि जब कोई युवती बार-बार न्याय की गुहार लगाने के बावजूद अंततः आत्मदाह जैसे त्रासद कदम उठाने को मजबूर हो जाती है, तो यह पूरी व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा,"हम मानवीय गरिमा और न्याय की पवित्रता में दृढ़ विश्वास रखते हैं। पीड़िता को न्याय और दोषियों को उनके पद या हैसियत की परवाह किए बिना सज़ा मिलनी चाहिए। यह एक समतामूलक और न्यायपूर्ण समाज की बुनियाद है।"
श्रीमती रहमतुन्निसा ने इस मामले में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की ओर से तीन प्रमुख माँगें रखीं:
घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच करवाई जाए।
इस संस्थागत विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का तत्काल इस्तीफा लिया जाए।
शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए पारदर्शी, जवाबदेह और मज़बूत तंत्र की स्थापना की जाए।
उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की कि वे महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएँ।
"हमें महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को लेकर अपने सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव लाना होगा। कानूनों की सख़्ती के साथ-साथ समाज में नैतिक जागरूकता और सुधार अनिवार्य है," उन्होंने अंत में कहा।