आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
अल नूर यतीम ट्रस्ट ने हाल ही में श्रीनगर में एक सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया, जहां गरीब परिवारों की 100 युवतियों की शादी हुई. ट्रस्ट की ओर से यह कार्यक्रम श्रीनगर के बेमिना मैरिज हॉल में आयोजित किया गया था. सादे समारोह में एक सौ जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.
एक दुल्हन ने एएनआई को बताया, “यह एक शानदार पहल है, और हम अल नूर यतीम ट्रस्ट के आभारी हैं, जिसने विवाह की जिम्मेदारी ली. हमारा अनुरोध है कि इस तरह के सामूहिक विवाह समारोह भविष्य में भी जारी रखे जाएं ताकि अन्य अनाथों, गरीबों और जरूरतमंद लोगों को लाभ हो सके.''
ट्रस्ट के प्रशासन ने जाति, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना समारोह का आयोजन किया. इस समारोह के दौरान मनीषा नाम की एक हिंदू लड़की की भी शादी हुई और उन्होंने ट्रस्टियों की सराहना की.
समारोह का उद्देश्य उन लड़के और लड़कियों की सहायता करना था जो सामाजिक और वित्तीय मुद्दों सहित विभिन्न कारणों से शादी करने में असमर्थ हैं. इस अवसर पर, वरिष्ठ नागरिकों और धार्मिक विद्वानों सहित विभिन्न नागरिक समाजों के सदस्य इस साहसिक कदम और सामाजिक कारण के लिए आयोजकों की सराहना करने के लिए उपस्थित थे.
उग्रवाद के कारण हजारों युवा, लड़के और लड़कियां दोनों अनाथ हो गए हैं. ऐसे में वे खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अल नूर यतीम ट्रस्ट के प्रमुख आगे आए और उन्होंने श्रीनगर में अनाथ लड़कियों के लिए इस सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया.
इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य गरीब लोगों, खासकर अनाथ लड़कियों की मदद करना है. आज तक, ट्रस्ट ने पहले ही कई गरीब लड़कियों की मदद की है, और यह सामूहिक विवाह समारोह एक और सकारात्मक कदम था. शादी करने वाले जोड़े श्रीनगर समेत घाटी के विभिन्न हिस्सों से आए थे. उन्हें ट्रस्ट के मुखिया द्वारा बांटे गए चेक के साथ कुछ जरूरी घरेलू सामान भी मिला.