गुलाम कादिर/ नागपुर
जीवन में शिक्षा की रौशनी सबसे ज़रूरी है, लेकिन कई बार आर्थिक तंगी या जानकारी का अभाव इस रौशनी तक पहुँचने से रोक देता है। महाराष्ट्र के अमरावती और नागपुर में, एक गैर-सरकारी संस्था 'सेवा' (Skill Education And Welfare Association) दशकों से इसी अंधेरे को दूर करने का काम कर रही है। अब, इस सामाजिक क्रांति को एक नई गति मिली है: संस्था की महिला विंग ने उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को प्रेरित करने के लिए 'घर-घर दस्तक' अभियान शुरू किया है, जो पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
'सेवा' संगठन की कार्यशैली ज़मीन से जुड़ी हुई है और इसका प्रभाव बेजोड़ है। संस्था के पुरुष सदस्य लगभग रोज़ाना किसी एक मोहल्ले को चिह्नित करते हैं और किसी तब्दीलीगी जमायत (बदलाव लाने वाले समूह) की तरह टोली बनाकर हर घर तक पहुँचते हैं। उनका काम केवल सलाह देना नहीं, बल्कि हर बच्चे से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी शैक्षणिक ज़रूरतों को समझना है।
जब कोई बच्चा या परिवार आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए आर्थिक मदद मांगता है, तो 'सेवा' के सदस्य तुरंत उसकी पहचान करते हैं। यह पहचान प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि मदद सही मायने में उस बच्चे तक पहुँचे जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमज़ोर है। यह मानवीय दृष्टिकोण संस्था को एक सामान्य एनजीओ से अलग खड़ा करता है।

महिला विंग की ऐतिहासिक पहल
इस नेक काम को अब महिला शक्ति का भी सहारा मिला है। संस्था की महिला विंग ने 'आला तालीमी बेदारी' (उच्च शिक्षा जागरूकता) के लिए कमर कस ली है। हाल ही में, महिला जमात ने अमरावती के पठानपुरा में घर-घर गश्त की। यह पहल इसलिए भी ख़ास है क्योंकि महिला सदस्यों का सीधा संवाद बच्चों की माताओं से होता है, जिससे शिक्षा के महत्व को परिवार के भीतर गहराई से स्थापित किया जा सकता है।
पठानपुरा में इस महिला जमात ने 10परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया और उन्हें आगे बढ़ने की पूरी तरजीह दिलाई। उन्होंने बच्चों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें 'सेवा' के चार ज़रूरी निर्देश भी दिए, जो उनकी शैक्षणिक यात्रा में मार्गदर्शन का काम करेंगे।
35 वर्षों का अटूट विश्वास और व्यापक पहुँच
'सेवा' की जड़ें बहुत गहरी और मजबूत हैं। यह मुंबई स्थित शीर्ष भारतीय सामाजिक संगठन 1989से शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पिछले 35वर्षों में, संस्था ने देश के पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण, हर क्षेत्र में लाखों लोगों के जीवन को सशक्त किया है।
'सेवा' का सहयोग मॉडल समय के साथ परिष्कृत किया गया है, जो आत्मनिर्भर, स्केलेबल और उद्यमशीलता पर आधारित है। यह स्थानीय समुदायों की शिक्षा संबंधी मांगों को आसानी से पूरा करता है। आज, 'सेवा' का नेटवर्क 29राज्यों और 4केंद्र शासित प्रदेशों में 605ज़िलों, 2100ब्लॉक और 8550पंचायतों तक फैला हुआ है, जहाँ 2000से अधिक केंद्र और कार्यालय कार्यरत हैं।

आंकड़े जो 'सेवा' की शक्ति बताते हैं:
स्थापना: 1989
प्रशिक्षित छात्र: 10लाख से अधिक
पहुँच: पूरे भारत में 605ज़िले और 8550पंचायतें
लक्ष्य: शिक्षा को सुलभ बनाना, रोज़गार सृजित करना और जीवन स्तर सुधारना।
'सेवा' पिछले 35वर्षों से शिक्षा को हर व्यक्ति तक पहुँचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जहाँ दूरी या आर्थिक स्थिति बाधा न बने।

आधुनिक तकनीक के साथ सुविधाजनक शिक्षा
'सेवा' सिर्फ़ आर्थिक मदद नहीं देती, बल्कि शिक्षा का एक व्यापक और लचीला मंच भी प्रदान करती है। संस्था अत्याधुनिक तकनीक और इंटरैक्टिव उपकरणों का उपयोग करके एक आकर्षक सीखने का माहौल बनाती है।
'सेवा' में अनुभवी शिक्षकों और उद्योग पेशेवरों की टीम यह सुनिश्चित करती है कि सभी पाठ्यक्रम उच्च गुणवत्ता वाले हों और नवीनतम उद्योग मानकों के अनुरूप हों। यहाँ दूरस्थ शिक्षा (Remote Learning) के कई कार्यक्रम उपलब्ध हैं, जो व्यक्तियों को अपनी गति से और किसी भी स्थान से सीखने की अनुमति देते हैं। चाहे आप अपने कौशल को बढ़ाना चाहते हों, एक नया करियर तलाश रहे हों, या सिर्फ़ अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हों, 'सेवा' आपके लिए सुलभ और प्रभावी शिक्षा का प्रवेश द्वार है।
आपका इंतज़ार खत्म! अब आप आगे बढ़ सकते हैं
अमरावती और नागपुर के प्रिय बच्चों और अभिभावकों! यदि आपके बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते हैं, लेकिन पैसे या मार्गदर्शन की कमी के कारण रुक गए हैं, तो अब रुकने की ज़रूरत नहीं है। 'सेवा' संगठन की टीमें, चाहे पुरुष विंग हो या महिला जमात, आपकी मदद के लिए लगातार आपके मोहल्लों में पहुँच रही हैं।
उच्च शिक्षा केवल अमीरों का अधिकार नहीं है; यह हर प्रतिभाशाली बच्चे का हक़ है। 'सेवा' में वह विश्वास, संसाधन और संकल्प है जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचा सकता है। उन बच्चों से प्रेरणा लें, जिनकी पहचान पठानपुरा की महिला जमात ने की है। अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए आज ही 'सेवा' के सदस्यों से संपर्क करें या उनके अगले दौरे का इंतज़ार करें। संस्था द्वारा प्राप्त भरोसेमंद संबंधों का लाभ उठाएँ और अपने सपनों को साकार करें!