मीनू कुमारी की शादी में शामिल हुए कश्मीरी मुस्लिम पड़ोसी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 30-06-2022
मीनू कुमार अपने पड़ोसी के साथ
मीनू कुमार अपने पड़ोसी के साथ

 

आवाज द वॉयस /श्रीनगर

राजस्थान के उदयपुर में दो सिर फिरे मुस्लिम युवकों द्वारा दर्जी का काम करने वाले कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बीच, एक कश्मीरी पंडित युवती की शादी में शामिल होकर मुसलमानों ने बेहतर मिसाल कायम की है. उनके युवती पर प्यार की बौछार करते वीडियो वायरल होने से उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है. युवती के पिता का बहुत पहले निधन हो गया था. दिल को छूने वाला यह नजारा कश्मीर के एक छोटे से गांव का है.

शादी के मौके पर कश्मीर के गांदरबल के गांव लार की मीनू कुमारी को उसके मुस्लिम पड़ोसियों ने दिवंगत पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. निकटतम पड़ोसी हाजी साहिब के नेतृत्व में षादी की व्यवस्था की गई और चार दिन पहले से शादी का जष्न षुरू हो गया .

मंगलवार को दुल्हन के रूप में तैयार मीनू कुमारी को मुस्लिम बुजुर्ग पड़ोसियों द्वारा आशीर्वाद देने का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो गया.वीडियो में बुजुर्ग पड़ोसी उसे आशीर्वाद देते और कश्मीरी में कहते दिखाई दे रहे हैं,“वो हमारी बेटी है. हमने इसे पाला है. मैं इसकी सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करता हूं.

वीडियो में मुस्लिम महिलाएं मीनू को गले लगाती, चूमती और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती नजर आ रही हैं. वीडियो में महिलाएं कह रही हैं, हमने उसे (कश्मीर के) बाहर जाने और जम्मू में रहने की अनुमति नहीं दी. उनका संदर्भ तीन दशक पहले आतंकवाद के मद्देनजर हिंदुओं के सामूहिक पलायन से था.

मीनू के पिता माखन लाल का जब निधन हुआ था, तब वह छोटी बच्ची की थी. वीडियो क्लिप बेहद भावुक करने वाला है.वीडियो में मुस्लिम महिलाओं को दूल्हे और उसके परिवार के लिए पारंपरिक स्वागत गीत गाते देखा जा सकता है. लड़कियां प्लेट से मेहमानों पर फूलों की पंखुड़ियों की बौछार करती दिख रही हैं. पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने हिंदू विवाह की हर रस्म में हिस्सा लिया.

श्रीनगर स्थित केएनओ समाचार एजेंसी के अनुसार, सनातन धर्म सभा, गांदरबल के अध्यक्ष बद्रीनाथ भट ने कहा कि मीनू की शादी से पहले के कार्यक्रम चार दिनों पहले से चल रहे थे. सभी मुस्लिम पड़ोसियों - पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं ने मेहंदी की रात में भाग लिया. गीत गाए और नृत्य किया. मीनू की समावेशी शादी दोनों समुदायों के बीच संबंधों के बारे में एक स्पष्ट संदेश है.उन्होंने कहा,“हम सालों से साथ रहते आए हैं. हम एक-दूसरे के फंक्शन में हिस्सा लेते है. चाहे शादी हो, मौत या कोई और फंक्शन. हम हमेशा साथ रहते हैं. हाल में हमारे कुछ मुस्लिम भाई हज यात्रा के लिए निकले तो हम भी उन्हें विदा करने गए .

एक स्थानीय ग्रामीण अल्ताफ अहमद कहते हैं, हम (हिंदू और मुसलमान) एक पड़ोस में एक साथ पले-बढ़े. मुझे हिंदू महिला के विवाह समारोह में भाग लेना पड़ा.उन्होंने कहा कि यह सदियों पुराना बंधन है. इसे कोई शरारती तत्व नहीं तोड़ सकता. हम एक साथ रह रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.