प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख पर पुस्तक का विमोचन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले
फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले

 

अयोध्या. अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान की ओर से यहां प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया गया. आंध्रप्रदेश के प्रसिद्ध इतिहासकार सैय्यद नशीर अहमद द्वारा यह पुस्तक लिखी गई है.

अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान प्रबंध निदेशक सूर्यकांत पाण्डेय के संयोजन में शहर के ओमपुरम स्थित शहीद शोध संस्थान के शिविर कार्यालय पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.

सूर्यकांत पाण्डेय ने इस पुस्तक की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लेखक के तौर पर स्वतंत्रता संग्राम मे अनेक शहीदों पर लिखी गई पुस्तकें नशीर अहमद को अमरत्व प्रदान करतीं हैं.

नशीर अहमद ने इस पुस्तक में फातिमा शेख की तत्कालीन परिस्थितियों और चारित्रिक विशेषताओं को शब्दों से चित्रित किया है.

कार्यक्रम में विवेक पाण्डेय, देवेश ध्यानी, अंकित पाण्डेय, विकास सोनकर, विनीत कनौजिया, विश्व प्रताप सिंह अंशू मौजूद रहे.

फातिमा शेख

फातिमा शेख सावित्रीबाई फुले की सहयोगी थीं. जब ज्योतिबा और सावित्री फुले ने लड़कियों के लिए स्कूल खोलने का बीड़ा उठाया, तब फातिमा शेख ने भी इस मुहिम में उनका साथ दिया.

उस जमाने में अध्यापक मिलने मुश्किल थे. फातिमा शेख ने सावित्रीबाई के स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी भी संभाली. इसके लिए उन्हें समाज के विरोध का भी सामना करना पड़ा.

फुले के पिता ने जब दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे उनके कामों की वजह से उनके परिवार को घर से निकाल दिया था, तब फातिमा शेख के बड़े भाई उस्मान शेख ने ही उन्हें अपने घर में जगह दी.

फातिमा शेख और उस्मान शेख ने ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई को उस मुश्किल समय में बेहद अहम सहयोग दिया था.

लेकिन अब बहुत कम ही लोग उस्मान शेख और फातिमा शेख के बारे में जानते हैं.