मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
आपको शायद याद हो. छह महीने पहले पश्चिम बंगाल की उम्मीद एकैडमी के युवा संस्थापक वली रहमान ने एक वीडियो जारी कर देश के मुसलमानों से 100-100 रूपये का चंदा देने का आह्रवान किया था, ताकि 10 करोड़ रूपये इकट्ठे किए जा सकें. अब वही वली रहमानी छह महीने बाद एक अन्य वीडियो जारी कर फिर चंदा उगाही के लिए मुसलमानों से गुहार लगा रहे हैं. सवाल यह है कि अब उन्हें इतनी मोटी रकम क्यों चाहिए ?
वली रहमानी ने अपने 9: 11 मिनट के नए वीडियो में दोबारा चंदा जुटाने की वजह बताई है. साथ ही उन्होंने वीडियो के अंत में यह भी दावा किया है कि यदि उनका यह मॉडल कामयाब हुआ तो वह ऐसे प्रयास और करंेगे.
आप सोच रहे होंगे कि चंदा उगाने का यह कौन सा ‘माॅडल’ है ? मगर बात ऐसी नहीं है. दरअसल, वली रहमानी यतीम, बेसहारा और गरीब बच्चों को मॉडर्न एजुकेशन देना चाहते हैं. उनका सपना है कि ये बच्चे भी अमीर बच्चों की तरह आधुनिक शिक्षण संस्थान में बेहतर पढ़ाई कर सकें. अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्हांेने उम्मीद एजुकेशन फाउंडेशन स्थापित किया और उम्मीद एकेडमी के नाम से स्कूल चलाते हैं.
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एक बेहतर स्कूल और उसके साथ तमाम सुविधाओं वाला एक होस्टल के निर्माण के लिए उन्हांेने छह महीने पहले एक वीडियो जारी कर देश के मुसलमानों से 100-100 रुपये का दान देने का आह्वान किया था. इसके लिए उनका पहला वीडियो 15 सितंबर 2023 को जारी किया गया था. इसके बारे में पूरी जानकरी पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.अब 15 मार्च को उन्हांेने एक अन्य वीडियो जारी कर फिर लोगों से पैसे की मांग की है.
अब चंदा क्यों ?
यह अहम सवाल है. वली रहमानी के इस ताजे वीडियो में इसकी दो वजह बताई गई हैं. नंबर एक, पहला वीडियो जारी होने के बाद देशभर से इतने पैसे आए कि बैंक ने अकाउंट फ्रिज कर दिया. बकौल वली रहमानी, ‘‘तब तक इनके एकाउंट में साढ़े सात करोड़ रूपये आ चुके थे. बैंक ने एक ही अकाउंट में और पैसे ट्रांजेक्शन से मना कर दिया था. ताजा वीडियो जारी करने की दूसरी वजह है, स्कूल के लिए हॉस्टल का निर्माण.
अब तक आए पैसे का क्या हुआ ?
पिछले वीडियो के आधार पर आए साढ़े सात करोड़ रूपये के चंदे से एक आलीशन स्कूल बिल्डिंग खड़ी कर दी गई है. ताजे वीडियो में स्कूल के बच्चों और शिक्षकों से भी परिचय कराया गया है. इस वीडियो में वली रहमानी बताते नजर आते हैं कि इनके अधिकांश बच्चे मिस्कीन यानी निर्धन, अनाथ और गरीब हैं. स्कूल के सामने एक बड़ा सा प्लेग्राउंड का निर्माण किया जा रहा है, जिसपर वीडियो के बीच में बच्चे खेलते दिखते हैं.
स्कूल में क्या है सुविधाएं
वली रहमान अपने नए वीडियो में स्कूल बिल्डिंग के अंदर का नजारा भी दिखाते हैं. पूरी बिल्डिंग अंदर से बेहद चमकदार और आधुनिक सुविधाओं वाली नजर आती है. वली रहमान ने स्कूल की एक क्लाॅस भी दिखाई, जिमसें आधुनिक बैठने की व्यवस्था के साथ टीचर के पढ़ाने का भी बेहतर इंतजाम दिखा. इसके अलावा क्लॉस की अच्छी बात यह लगी कि इसमें व्हाइट और स्मार्ट बोर्ड दोनों लगे हैं. वली रहमान वीडियो में बताते हैं कि स्कूल के सारे क्लास एक जैसे हैं. एक क्लास में 40 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है.
इसके बाद वली रहमानी के वीडियो में कांफ्रेंस हाॅल का दृश्य है. वली रहमानी ने बताया कि इसमें 30 लोगांे की बैठने की व्यवस्था है ताकि स्कूल के विकास और पढ़ाई से संबंधित बैठकें टीचर और संस्थापक सदस्य कर सकें.
वीडिया के एक अन्य दृश्य में पुस्तकालय दिखाया गया है, जिसमें बच्चों के बैठकर पढ़ने के लिए आधुनिक सिटिंग व्यवस्था है.
पूरी लाइब्रेरी में सोफा जैसी चेयर लगाई गई है. इसके अलावा चारों तरफ रैक बने हुए हैं. वली रहमानी के अनुसार, पहली बार उनके स्कूल में लाइब्रेरी सेटअप हो रही है. अभी 500 किताबें उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में उनके बच्चों ने खेल में भी बेहतर किया है. ताइक्वांडो स्टेट चैंपियनशिप की दो ट्रांफिया स्कूल ने हासिल की हैं.
अब चंदा इकट्ठा कर क्या करेंगे ?
वीडियो के अंत में वली रहमान एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत पर नजर आते हैं. वीडियो में वह कहते सुनाई देते हैं कि यह स्कूल का हॉस्टल है. इसमें रहने के अलावा किचन, डाइनिंग और लाउंड्री की भी व्यवस्था होगी. बिल्डिंग की चारदीवारी खड़ी हो चुकी है.
मगर इसके निर्माण के लिए अब पैसे की जरूरत है. वली रहमानी ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ इस नई बिल्डिंग में 20 मई से नया शिक्षण सत्र शुरू करने जा रहे हैं. मगर यह तभी संभव होगा जब स्कूल का हाॅस्टल तैयार हो जाए. इसके लिए उन्होंने वीडियो जारी कर लोगों से चंदा देने की अपील की है.
वली रहमान ने बताया कि इस बार वह बैंक अकाउंट में चंदा नहीं मांग रहे हैं. इसकी जगह गूगल और उम्मीद एकेडमी की साइट की मदद ली जा रही है. वली रहमानी को उम्मीद है कि पहले की तरह इस बार भी लोग दिल खोल कर मदद करेंगे.