धनतेरस पर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने ‘इमाम ए हिंद राम’ को लेकर क्या कहा ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 11-11-2023
What did RSS leader Indresh Kumar say about 'Imam-e-Hind Ram' on Dhanteras?
What did RSS leader Indresh Kumar say about 'Imam-e-Hind Ram' on Dhanteras?

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

धनतेरस के मौके पर हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह से संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने अमन, भाईचारे और शांति का पैगाम दिया. उन्होंने सामाजिक समरसता, एकता और सौहार्द पर जोर देते हुए देश और दुनिया से सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां, दूरियां, मनमुटाव, छुआछूत, धोखा, नफरत और आतंकवाद के खात्मे की अलख जगाई.

उन्होंने ऐलान किया कि इंसानियत के मालिक और रचनाकार रामलला 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में अपने मंदिर में विराजमान होंगे. इसे सभी धर्मों के लोगों को बड़े त्योहार के रूप में मना कर दुनिया को इंसानियत, अमन और शांति का पैगाम देना चाहिए.
 
इमाम ए हिंद राम

उन्होंने कहा, राम जनजन में हैं, कण कण में हैं. हर जन कण राम से है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अरब के लोग तो यह भी मानते हैं कि राम इमाम ए हिंद हैं, जिनके सुबह दीदार करने से जन्नत नसीब होती है और जिनके संदेशों को आदर्श मान कर जिंदगी जीने वाला इंसान जन्नती होता है.
 
उन्होंने कहा कि वो अपील करते हैं कि लोग किसी भी जात, धर्म, मजहब, दल या किसी भी मुल्क के हों अपने अपने स्थानों पर चिराग रोशन कर 22 जनवरी 2024 को यह पैगाम दें कि हिन्दुस्तान अब अमन और सकून के रास्ते पर चलेगा. उन्होंने कहा कि स्वयं अंतिम रसूल हजरत मोहम्मद ने फरमाया है कि हिंद नाम की सरजमीं ऐसी सरजमीं है जहां से मुझे भी सकून की ठंडी हवा आती है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि वक्त आगया है कि अब इस पैगाम को अमली जामा पहनाते हुए 22 जनवरी 2024 के त्योहार को धूम धाम से मनाएं.
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जय सिया राम

साथ ही साथ उन्होंने कहा कि राम बिना सीता और सीता बिना राम न था न है और न हो सकता है. अतः अयोध्या के मंदिर में तो राम लाल, सीता, हनुमान, जटायु सभी होंगे ही साथ में बिहार के सीतामढ़ी जो माता सीता की जन्मस्थली है, वहां श्रद्धालु सीता माता की 251 फीट लंबी मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं. इसे जल्द पूरा करने का प्रयास चल रहा है. 
 
मुहब्बत से चलेगी दुनिया

उन्होंने ऐलान किया कि दुनिया जंग के बजाए मुहब्बत से चले. इंद्रेश कुमार ने आह्वान किया कि समाज में जाति, मजहब, भाषा और दलों का अंधकार खत्म हो, सब में प्रकाश आए, लोगों के दिलों दिमाग रोशन हों और एकजुटता बनी रहे.
 
उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने अपने धर्म पर चलें और दूसरे धर्मों का सम्मान करें, निंदा न करें और साथ ही एक दूसरे के त्योहारों में शिरकत भी करें तो समाज में कटुता नहीं रहेगी. इंद्रेश कुमार ने कहा कि हर वर्ष मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा इस तरह के कार्यक्रम के कारण देश में अमन सकून चाहने वाली ताकतें बढ़ रहीं हैं और नफरत फैलाने वाली ताकतें कम होती जा रही हैं. 
 
मंच की मुहिम

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अनेक वर्षों से धनतेरस पर देश की दरगाहों, मजारों, मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों को रोशन करता है, जिसे हम जश्न ए चिरागं के रूप में जानते हैं. इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच गरीबों और जरूरतमंदों के बीच कपड़े, दवाइयां, राशन और जरूरत की चीजें भी बांटा करता है.