Saudi Arabian government's big decision, these items banned at small grocery stores!
अर्सला खान/नई दिल्ली
सऊदी अरब ने खुदरा क्षेत्र में अनुशासन और स्वास्थ्य मानकों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक बड़ा और व्यापक बदलाव करते हुए छोटे ग्रॉसरी स्टोर्स, जिन्हें स्थानीय भाषा में बकाला कहा जाता है, पर कई जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन नए नियमों का सीधा असर उन लाखों प्रवासियों पर पड़ेगा जो भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से आए हैं और इस क्षेत्र में रोजगार या कारोबार कर रहे हैं.
क्या है नया आदेश?
सऊदी अरब के नगर पालिका और आवास मंत्री माजिद अल-होगैल ने इस आदेश की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि अब छोटे ग्रॉसरी स्टोर्स और कीओस्क्स पर तंबाकू, खजूर, मीट, फल, सब्ज़ियां और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जैसे उत्पाद नहीं बेचे जा सकेंगे. इन वस्तुओं की बिक्री केवल उन सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट में की जा सकेगी जो सरकार के तय मानकों पर खरे उतरते हों.
विशेष रूप से मीट बेचने के लिए अब अलग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, और केवल लाइसेंस प्राप्त स्टोर ही इसे बेच सकेंगे। नए नियम के अनुसार, छोटे स्टोर अब इन उत्पादों को बेचते नहीं पाए गए तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
किसे कितना स्थान चाहिए?
नए आदेश में व्यापार स्थान को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इस आदेश से स्पष्ट संकेत है कि सरकार छोटे बेतरतीब और बिना लाइसेंस वाली दुकानों को हटाकर एक अधिक पेशेवर, अनुशासित और मानक आधारित खुदरा वातावरण तैयार करना चाहती है.
ग्रॉसरी स्टोर के लिए न्यूनतम जगह: 24 वर्ग मीटर
सुपरमार्केट के लिए जगह: 100 वर्ग मीटर
हाइपरमार्केट के लिए जगह: 500 वर्ग मीटर
क्यों लिया गया यह फैसला?
सऊदी सरकार का कहना है कि यह कदम पब्लिक हेल्थ और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है. इसके अलावा, सरकार खुदरा क्षेत्र को व्यवस्थित करने, ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के इरादे से इस दिशा में आगे बढ़ रही है. यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है, लेकिन जो दुकानें पहले से चल रही हैं उन्हें 6 महीने का समय दिया गया है ताकि वे नए नियमों के अनुसार खुद को ढाल सकें या अपने कारोबार का स्वरूप बदल सकें.
सऊदी अरब में करीब 2.6 मिलियन भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग छोटे किराना व्यवसाय, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और आईटी क्षेत्रों में कार्यरत हैं. बकाला स्टोर्स का संचालन मुख्यतः भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों द्वारा किया जाता है. नए नियमों से यह संभावना है कि हजारों छोटे स्टोर या तो बंद हो जाएंगे या उन्हें मजबूरन बड़ा निवेश कर सुपरमार्केट में तब्दील होना पड़ेगा, जो हर किसी के लिए संभव नहीं है. इससे प्रवासी मजदूरों और छोटे व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है.
संभावित असर और आगे की राह
रोजगार पर असर: छोटे स्टोर्स में कार्यरत हजारों प्रवासियों को अपनी आजीविका के नए साधन तलाशने होंगे. बढ़ती प्रतिस्पर्धा: सुपरमार्केट्स और बड़े ब्रांड्स को लाभ होगा क्योंकि अब उपभोक्ता उन्हीं की ओर रुख करेंगे. बाजार में बदलाव: यह कदम लंबे समय में सऊदी खुदरा क्षेत्र को अधिक संगठित और मानकीकृत बनाएगा.
सऊदी अरब सरकार का यह निर्णय उनके विज़न 2030 के व्यापक सुधारों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को विविध रूप देना और सेवा क्षेत्र को पेशेवर बनाना है, लेकिन इन सुधारों की कीमत पर प्रवासी समुदाय को अपनी आजीविका को बचाने की एक नई चुनौती का सामना करना पड़ेगा. आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रवासी कारोबारी इस नई व्यवस्था में खुद को कैसे ढालते हैं और सऊदी सरकार इस संक्रमणकाल को कितना सहज और न्यायपूर्ण बनाती है.