शायरी और संगीत से शांति संभव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-03-2023
शायरी और संगीत से शांति संभव
शायरी और संगीत से शांति संभव

 

गुलाम कादिर /भोपाल 

शेर-ओ-शायरी और संगीत का संबंध शरीर और आत्मा से है. दोनों का संदेश प्रेम है. अच्छे संयोग से शांति स्थापित हो सकती है. यह विचार बुद्धिजीवियों ने भोपाल राज्य संग्रहालय में सप्तक फाइन आर्ट्स सोसायटी द्वारा आयोजित संध्या संगीत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए. 

सप्तक के रंग म्युसिकी के संग शीर्षक से आयोजित संगीत की प्रतिष्ठित संध्या में सप्तक के कलाकारों ने वाद्य यंत्रों और स्वरों के साथ बेहतरीन गीत-संगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
 
इस अवसर पर राजधानी भोपाल की चार महत्वपूर्ण शख्सियतों मुमताज खान, लता सिंह मुंशी, रफी शब्बीर और अनवर पठान को भाषा और साहित्य, संगीत, समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त प्रांतीय सम्मान से सम्मानित किया गया.
 
ज्ञात हो कि सप्तक ललित कला नगरी की स्थापना 30 वर्ष पूर्व मुहम्मदगढ़ रियासत की उत्तराधिकारी बेगम खुर्शीद बख्त ने की थी. बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त ने न केवल शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए,
 
उन्होंने नई पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत से लैस करने के लिए प्रख्यात संगीत विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्रशिक्षित भी किया. भोपाल के कलाकारों की बातों को शास्त्रीय संगीत के साथ प्रस्तुत करना भी उनका प्रिय शगल रहा है.
 
बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त की मौत के बाद समाज के चुनिंदा लोगों ने उनके आंदोलन को नई दिशा देने की कोशिश की है.सिटी सेक्रेटरी शुजात हुसैन नवीद ने कहा कि हमारा मकसद बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त के अधूरे सपने को पूरा करना है. अल्हम्दुलिल्लाह, हम सब मिलकर संगीत कला सीख रहे हैं और शास्त्रीय संगीत को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.
 
पिछले कुछ वर्षों में भाषा और साहित्य, समाज सेवा, नाटक, फिल्म, कत्थक और कला के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं देने वालों को  संस्था सम्मानित करती है.
 
इस साल लता सिंह मुंशी, रफी शब्बीर, मुमताज खान और अनवर पठान को सम्मानित किया गया. इस वर्ष हमने प्रसिद्ध गायकों के गाए गीतों को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया, लेकिन अल्लाह की मेहर से सप्तक के छात्र अगले वर्ष भोपाल के कलाकारों की गजलों को अपने अंदाज में प्रस्तुत करेंगे, ताकि भोपाल के कलाकार विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर सकें.
 
सप्तक फाइन आर्ट्स सोसायटी द्वारा बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त पुरस्कार से सम्मानित मुमताज खान ने  कहा कि मेरे पास ऐसी सेवाएं नहीं हैं जिसके लिए इतना बड़ा सम्मान दिया जाए.
 
बहरहाल सोसायटी के निर्णय को स्वीकार किया जाता है. बेगम खुर्शीद सिकंदर बख्त साहिबा शास्त्रीय संगीत की प्रेमी थीं और बड़े उत्साह के साथ शहर में कार्यक्रम आयोजित करती थीं.
 
उनके द्वारा भोपाल में एक संगीत विद्यालय की स्थापना की गई, जिसके कारण आज भोपाल के कई छात्र संगीत की दुनिया में देखे जाते हैं.