मलिक असगर हाशमी, /नई दिल्ली
हर मामले में अरब देशों की तरफ ताकने वाले मुसलमानों को ओमान के बच्चों से सीखना चाहिए. ओमान के बच्चों ने पुरानी सीख पर अमल करते हुए एक बार फिर साल भर जमा किए गए पैसे रमजान में लोगों की मदद के लिए दान कर दिए. सभी बच्चों ने एक समारोह में सामूहिक रूप से अपने मिट्टी के गुल्लक तोड़े और रमजान मंे गरीबों की मदद के लिए दान कर दिए.
इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होर हा है, जिसकी लोग खूब तारीफ कर रहे हैं. बच्चांे द्वारा सामूहिक रूप से गुल्लक तोड़ने का नजारा बेहद खुशी पैदा करने वाला है. ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं.
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर एक महिला ने लिखे-‘‘उनकी बातों से मेरी आंखों में आंसू आ गए. ओमान के बच्चों का दिल सबसे बड़ा है. हर साल रमजान से पहले, वे अपने मिट्टी के बचत बैंक गुल्लक को तोड़ते हैं और इसे अपने आसपास के गरीबों में वितरित करते हैं. इस साल, वे सभी एकत्रित हुए और गाजा के शिशुओं और बच्चों को बचाने में मदद करने के लिए अपनी साल भर की बचत देने का फैसला किया.’’
यह केवल ओमान में नहीं हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी जिस अबु धाबी में एक मंदिर का उद्घाटन करके आए हैं, वहां के बच्चों ने भी रमजान को लेकर अनोखा अभियान चला रखा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘बच्चे सहित युवा स्वयंसेवक अबू धाबी के ‘रमजान अमान अभियान’ के तहत रमजान के दिनों में वाहन चालकों और सड़क से गुजरते मुसाफिरों के इफ्तार और सहरी के इंतजाम में अभी से लग गए हैं.
वे रमजान के दिनों में वाहन चालकों और सड़क से गुजरते मुसाफिरों के बीच इफ्तार और सहरी की सामग्री बांटते हैं.
अभियान के मुख्य बिंदु
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-अभियान में पांच साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं.
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-स्वयंसेवक अल वाहदा मॉल और मैरियट होटल के पास भोजन देते हैं.
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-अभियान में विभिन्न देशों और धर्मों के लोग भी भाग लेते हैं.
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-बच्चों के माता-पिता को उनके साथ रहना अनिवार्य होता है.
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-सुरक्षा कारणों से बच्चे केवल निर्धारित स्थानों से ही खाने का सामान बांटते हैं.
अभियान के लाभ
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-बच्चों में कम उम्र से ही जिम्मेदारी और सहानुभूति की भावना पैदा होती है.
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-विभिन्न समुदायों के बीच एकजुटता और सौहार्द को बढ़ावा मिलता है.
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-इससे सड़क दुर्घटनाएं भी कम होती हंै.
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-लोगों को रमजान के दौरान जिम्मेदार ड्राइविंग के लिए प्रेरित किया जाता है.
अभियान में शामिल होने का तरीका
-अभियान की आधिकारिक वेबसाइट पर बच्चों के माता-पिता पंजीकरण कराते हैं.
शारजाह में रमजान 2024 पर ‘जौद अभियान‘, 13.6 करोड़ दिरहम जुटाने का लक्ष्य
शारजाह चैरिटेबल सोसाइटी ने इस साल के रमजान अभियान ‘जौद’ की योजनाओं की शुरुआत कर दी है. इसके तहत विभिन्न सहायता कार्यक्रमों के लिए 13.6 करोड़ दिरहम जुटाने का लक्ष्य है.’जौद’ शब्द का अर्थ अरबी में उदारता है. यह रमजान के लिए वार्षिक धर्मार्थ अभियान का नाम है.
इस साल अरब देशों में रमजान 11 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि आधिकारिक घोषणा यूएई की चांद देखने वाली समिति एक दिन पहले करेगी.हाल में शारजाह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘जौद’ अभियान के बारे में विस्तार से बताया गया.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन शारजाह चैरिटेबल सोसाइटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष और रमजान अभियान की उच्च समिति के अध्यक्ष शेख सकर बिन मुहम्मद अल कासिम के संरक्षण में हुआ था.सोसाइटी के निवेश संसाधन सेक्टर के प्रमुख अली मोहम्मद अल रशीदी ने कहा कि अभियान दानदाताओं से अपील करता है कि वे अपना ‘जकात’ (इस्लाम में हर साल संपत्ति से दिया जाने वाला धर्मार्थ योगदान) उनके संघ के माध्यम से दें, क्योंकि अभियान के अधिकांश उद्देश्य जकात दान पर आधारित हैं.
परियोजनाओं के लिए आवंटन
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-अभियान की पांच मुख्य परियोजनाओं को कवर करने के लिए 65.1 करोड़ दिरहम
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यूएई के अंदर और बाहर 830,000 इफ्तार (रोजा खोलने का भोजन) मुहैया कराने के लिए 12.4 करोड़ दिरहम
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-17,250 लाभार्थियों के लिए आवश्यक सामग्री वाले ‘रमजान बास्केट’ के लिए 1.7 करोड़ दिरहम
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-40,000 व्यक्तियों के लाभ के लिए ईद-उल-फित्र (रमजान के अंत की दान राशि) में 3.2 करोड़ दिरहम
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-देश के भीतर सहायता सूची में पंजीकृत 2,875 लाभार्थियों के लिए ईद अल-फितर उत्सव से पहले कपड़ों के लिए 862,500 दिरहम, इसके अलावा मिस्र के कई क्षेत्रों में 2,200 लाभार्थियों के लिए 200,000 दिरहम की लागत से, काहिरा में यूएई दूतावास के सहयोग से
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-शारजाह पुलिस के सहयोग से कैदियों की वित्तीय कठिनाई को दूर करने के लिए 1 करोड़ दिरहम
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जल और आवास परियोजनाएं
अल रशीदी ने कहा, “रमजान अभियान की सर्वोच्च समिति, परियोजना विभाग और बाहरी सहायता के समन्वय में, कई बाहरी पहलों को शामिल करने का भी लक्ष्य रखती है, जिसमें पानी की कमी से पीड़ित कई क्षेत्रों के निवासियों को जल नेटवर्क से जोड़ना, साथ ही जरूरतमंदों के जीवन की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कई आवासीय परिसरों का निर्माण शामिल है.” उन्होंने दुनिया भर के दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा अभियान शुरू करने का भी उल्लेख किया.
मुख्य बिंदु
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लक्ष्यः 13.6 करोड़ दिरहम
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अभियान का नामरू जौद (उदारता)
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कार्यक्रमः विभिन्न सहायता कार्यक्रम
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समुदाय का आह्वानः उदारता और परोपकार
अभियान के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं.
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इफ्तार : यूएई के अंदर और बाहर 830,000 लोगों को रोजा खोलने का भोजन उपलब्ध कराना
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रमजान बास्केट : 17,250 जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक सामग्री प्रदान करना
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ईद-उल-फितर : 40,000 लोगों को ईद की खुशी में भाग लेने में मदद करना
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कपड़ेः ईद अल-फितर से पहले 2,875 लाभार्थियों को कपड़े प्रदान करना
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कैदियों की सहायताः 1 करोड़ दिरहम की सहायता से कैदियों की वित्तीय कठिनाइयों को कम करना
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जल और आवासः पानी की कमी से पीड़ित क्षेत्रों में जल नेटवर्क स्थापित करना और जरूरतमंदों के लिए आवास सुविधाओं का निर्माण करना
2023 में सफलता
2023 रमजान अभियान में ‘जौद’ ने 12.5 करोड़ दिरहम के लक्ष्य को पार करते हुए 12.9 करोड़ दिरहम जुटाए थे. शारजाह चैरिटेबल सोसाइटी ने 2024 में इस सफलता को दोहराने और जरूरतमंदों की सहायता के लिए समुदाय के उदार योगदान को प्राप्त करने की उम्मीद व्यक्त की है.यह अभियान रमजान के पवित्र महीने के दौरान उदारता और परोपकार की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.