जानिए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में कैसे होती हैं यूपीएससी की तैयारी

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 12-06-2023
जानिए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में कैसे होती हैं यूपीएससी की तैयारी
जानिए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में कैसे होती हैं यूपीएससी की तैयारी

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली

देश में छात्रों की एक बड़ी आबादी यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा के लिए दिल्ली का रुख कर रही है. उन्हें इस बात का यकीन है कि दिल्ली में तैयारी अच्छे से करके अपने ख्वाब पूरे किए  जा सकते हंै. दिल्ली के मुखर्जी नगर, कनॉट प्लेस में दर्जनों ऐसे कोचिंग संस्थान हैं जहां युवा अपने भविष्य  को साकार करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं.

इसके अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी यानी आरसीए में हर साल 150 बच्चों की तैयारी फ्री कराई जाती है. दिलचस्प बात है कि जिससे हर साल जामिया से उनमें से बड़ी संख्या में युवा यूपीएससी क्वालीफाई भी कर जाते हैं. 
 
वर्ष 2022 में यूपीएससी में टॉप करने वाली श्रुति शर्मा, साल 2018 में देश भर में तीसरे टॉपर जुनैद अहमद भी इसी कोचिंग की देन हैं. इस साल 23 छात्र का चयन यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा के लिए हुआ है.
 
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कैसे कराई जाती है तैयारी

आवाज द वॉयस ने जामिया कोचिंग, उसके पढ़ाने और मार्गदर्शन को लेकर जामिया मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सह जामिया कोचिंग के डायरेक्टर प्रो. आबिद हलीम से विशेष बातचीत की हैं. प्रो. आबिद हलीम के मुताबिक, जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से हर साल बड़ी संख्या में यूपीएससी क्वालीफाई करने की बुनियादी कारण यहां के शिक्षकों और छात्रों के बीच दूरी कम है.
 
छात्रों और शिक्षकों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध, यूपीएससी के सिलेबस के अनुसार तैयारी भी इसकी प्रमुख वजहों में हैं.
 
कई स्तर पर छात्रों को किया जाता है तैयार 

प्रो. आबिद हलीम ने बताया कि जामिया कोचिंग की विशेषता यह है कि यहां प्रख्यात विद्वानों और वरिष्ठ सिविल सेवकों के विशेष व्याख्यान, समूह चर्चा शामिल हैं. जामिया के सीनियर शिक्षक और बाहर से भी शिक्षकों को बुलाया जाता है जो आईएएस करने के बाद सेवा प्रदान कर रहे हैं या पूर्व आईएएस हंै.
 
कैम्पस से बाहर के शिक्षकों की सेवा लेने के बारे में बताते हैं कि जो शिक्षक आते हैं वह यूपीएससी पाठ्यपुस्तक को अच्छे से बच्चों को समझाते हैं और उचित मार्गदर्शन, सलाह प्रदान करते हैं. बच्चों को इस काबिल तैयार करते हैं कि उसे आगे परेशानी का सामना न करना पड़े.
 
कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान

जो बच्चे हमारे यहां फ्री कोचिंग हासिल करते हैं उनसे हमारी टीम समय समय पर मॉक-इंटरव्यू लेती रहती है. इससे उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है. छात्र अगर लिखित जांच में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते तो उनके ऊपर विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि आगे परेशानी का सामना न करना पड़े.
 
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छात्रों को विशेष सुविधाएं 

छात्रों के पठन पाठन के बारे में आगे प्रो. आबिद हलीम कहते हैं कि यहां के बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी की व्यवस्था है जो 24 घंटे खुली रहती है. शांत वातावरण में छात्र पढ़ाई करते हैं. अकादमी की कोशिश है कि छात्रों को सुविधाजनक छात्रावास, पढ़ाई के लिए फ्री वाई-फाई समेत ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाए जिससे पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट पैदा न हो.
 
काबिलों का होता है  सलेक्शन 

मुस्लिम समाज के बच्चों की एक बड़ी आबादी मदरसों में शिक्षा हासिल करती है. अगर वह यहां आना चाहते हैं तो उनके लिए जामिया कोचिंग में किस तरह की सुविधा है? इस सवाल पर प्रो. आबिद हलीम कहते हैं कि जिस तरह दूसरे बच्चों को कोचिंग के लिए सलेक्ट किया जाता है उसी तरह वह भी तैयारी करते हैं, जो काबिल होते हैं उन्हें लिया जाता है. अलग से कोई व्यवस्था नहीं है
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तीन स्तर पर उम्मीदवारों का चयन

उन्होंने आगे बताया कि जामिया आरसीए के लिए तीन स्तर पर उम्मीदवारों का चयन होता है. पहले चरण में प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम) होता है, दूसरा चरण मुख्य परीक्षा (मेन्स), इन दोनों में सफल उम्मीदवार को ही साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. इसके बाद ही जामिया अपने यहां जगह देती है.
 
जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में हर साल दाखिले के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक किया जाता है. भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, यहां कार्य किए जाते हैं.