International Music Day: रफ़ी से रहमान तक,संगीत में बसी एकता और वैश्विक पहचान की कहानी

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 01-10-2025
International Music Day: The pride of Indian music on the global stage, the unique contribution of Muslim musicians
International Music Day: The pride of Indian music on the global stage, the unique contribution of Muslim musicians

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली  

आज अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस है, और यह दिन हमें न केवल संगीत के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करने का अवसर देता है, बल्कि हमें उन महान संगीतकारों और गायकों की भी याद दिलाती है, जिन्होंने अपनी कला से न केवल अपनी संस्कृति को विश्वभर में फैलाया, बल्कि संगीत के माध्यम से मानवता के एकता का संदेश भी दिया। इस रिपोर्ट में हम उन मुस्लिम संगीतकारों और गायकों के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपनी आवाज़ और संगीत से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया.

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File picture of music composer A.R. Rahmanए. आर. रहमान (A. R. Rahman)संगीतकार, संगीत निर्माता

संगीत शैली: भारतीय शास्त्रीय संगीत, पॉप, वर्ल्ड म्यूजिक, फिल्म संगीत

ए. आर. रहमान भारतीय संगीत के एक सितारे हैं, जिन्होंने अपनी अद्वितीय शैली और वैश्विक प्रभाव से भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई. "म्यूज़िक का मोजार्ट" कहे जाने वाले रहमान ने भारतीय फिल्म संगीत के साथ-साथ विश्व संगीत की दिशा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके संगीत में भारतीय शास्त्रीय रागों, वेस्टर्न हर्मनी और इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों का अद्भुत मिश्रण होता है, जो उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाता है। रहमान की रचनाओं ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी धूम मचाई.

उनकी फिल्मों "स्लमडॉग मिलियनेयर" और "रॉकस्टार" के लिए उन्हें दो ऑस्कर पुरस्कार मिले, और इसके अलावा उन्होंने कई ग्रैमी, BAFTA और गोल्डन ग्लोब पुरस्कार भी जीते हैं। उनके नाम पर भारत सरकार द्वारा पद्म श्री (2000) और पद्म भूषण (2010) जैसे उच्च सम्मान भी हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने फिल्मफेयर अवार्ड्स, भारतीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, मॉसको इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड, और कई अन्य पुरस्कार जीते हैं. उनके संगीत की लोकप्रियता इतनी विस्तृत है कि उन्होंने दुनिया भर के प्रमुख संगीत समारोहों में प्रस्तुति दी है, और उनके गाने आज भी विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में गाए जाते हैं. रहमान का योगदान भारतीय संगीत को ग्लोबल म्यूज़िक इंडस्ट्री में एक सम्मानजनक स्थान दिलाने में अद्वितीय है.

प्रमुख रचनाएँ: Jai Ho, Tere Bina, Vande Mataram

वाद्य: पियानो, सिंथेसाइज़र, इलेक्ट्रॉनिक संगीत

Zakir Hussain: A wizard who told stories on the tabla

ज़ाकिर हुसैन (Zakir Hussain)तबला वादक

संगीत शैली: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत

ज़ाकिर हुसैन भारतीय तबला वादन के सबसे प्रतिष्ठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कलाकारों में से एक हैं. उन्होंने न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय श्रोताओं के बीच भी अत्यधिक लोकप्रिय बनाया. उनकी तबला वादन शैली में तकनीकी परिपक्वता और भावनात्मक गहराई का अद्भुत संतुलन है, जो उन्हें विश्वभर में अलग पहचान दिलाता है.

उन्होंने विश्वविख्यात कलाकारों जैसे जॉन मैक्लॉघलिन और एलेन हार्बर के साथ सहयोग करते हुए भारतीय संगीत को जैज़, रॉक और वर्ल्ड म्यूजिक के साथ जोड़कर संगीत का नया आयाम प्रस्तुत किया. उनका "Planet Drum" प्रोजेक्ट, जिसे ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया, उनके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का प्रमाण है. वे दुनिया भर के प्रतिष्ठित मंचों—जैसे कार्नेगी हॉल (न्यूयॉर्क), रॉयल अल्बर्ट हॉल (लंदन) और सिडनी ओपेरा हाउस—पर प्रस्तुति दे चुके हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे उच्च नागरिक सम्मानों से नवाज़ा है. ज़ाकिर हुसैन का संगीत आज भी विश्वभर में भारतीय संस्कृति और संगीत की समृद्ध परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है.

प्रमुख रचनाएँ: Tabla Solo, Making of the Tabla

वाद्य: तबला

बिस्मिल्लाह ख़ान (Bismillah Khan) – शहनाई वादक

संगीत शैली: भारतीय शास्त्रीय संगीत

बिस्मिल्लाह ख़ान शहनाई वादन के महान उस्ताद थे जिन्होंने इस पारंपरिक वाद्य यंत्र को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में प्रतिष्ठा दिलाई। शहनाई को पहले धार्मिक अनुष्ठानों और शादियों तक सीमित माना जाता था, लेकिन बिस्मिल्लाह ख़ान ने इसे भारतीय शास्त्रीय संगीत के मंच पर एक उच्च स्थान दिलाया. उनकी शहनाई की आवाज़ में एक अद्वितीय दिव्यता और भावनात्मक गहराई थी, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, जैसे न्यूयॉर्क, लंदन और बर्लिन में शहनाई की ध्वनि को प्रस्तुत कर इसे वैश्विक पहचान दिलाई.

उनके संगीत ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहरी भावनाओं को पूरी दुनिया में फैलाया. बिस्मिल्लाह ख़ान की शहनाई की ध्वनि आज भी भारतीय संगीत की अमूल्य धरोहर के रूप में जीवित है, और उनके योगदान को भारत सरकार ने पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मान देकर मान्यता दी. उनकी विरासत आज भी शहनाई वादन में रुचि रखने वाले संगीतकारों को प्रेरित करती है.

प्रमुख रचनाएँ: Raghupati Raghav Raja Ram, Bismillah Khan Ke Shahnai Recital

वाद्य: शहनाई

सईद अल मुनायेर (Sayed Al Munayyer)गायक

संगीत शैली: अरबी, पॉप, ग़ज़ल

सईद अल मुनायेर एक प्रसिद्ध सऊदी गायक हैं, जिन्हें अपनी आवाज़ की अनोखी मिठास और ग़ज़ल गायन के लिए जाना जाता है. वह संगीत की दुनिया में एक प्रभावशाली नाम हैं, और उनके गाने न केवल अरब देशों में, बल्कि पश्चिमी देशों में भी सुने जाते हैं. उनकी शैली में एक अद्वितीय धुन और गहरी भावनाएं हैं जो श्रोताओं को हमेशा आकर्षित करती हैं.

प्रमुख रचनाएँ: La Tis’al, Yahali
वाद्य: उद, वाद्य यंत्रों का समूह

राशिद खान (Rashid Khan)हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक

संगीत शैली: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत

राशिद खान भारतीय शास्त्रीय गायकी के सबसे प्रतिष्ठित नामों में से एक हैं. उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को अपनी गायकी के माध्यम से नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उनकी आवाज़ में गहरी भक्ति और भावनाओं का अद्भुत मिश्रण है. वह एक भारतीय शास्त्रीय गायक हैं जिन्होंने न केवल भारत में, बल्कि पश्चिमी देशों में भी भारतीय संगीत को प्रस्तुत किया है.

प्रमुख रचनाएँ: Raag Marwa, Raag Yaman
वाद्य: सारंगी, तबला

मोहम्मद रफ़ी (Mohammad Rafi)गायक

मोहम्मद रफ़ी भारतीय संगीत के महानतम गायकों में से एक थे, जिनकी आवाज़ ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी एक अद्वितीय पहचान बनाई। रफ़ी साहब की गायकी में वह जादू था, जो हर गीत को अमर बना देता था, चाहे वह रोमांटिक हो, भक्ति गीत हो या ग़ज़ल. उन्होंने अपनी आवाज़ से भारतीय फिल्म संगीत को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध किया. रफ़ी ने लंदन, न्यूयॉर्क, दुबई, काहिरा और कई अन्य देशों में कंसर्ट किए, जहां उन्होंने भारतीय संगीत को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत किया. उनकी आवाज़ ने भारतीय संगीत को पश्चिमी देशों में भी पहचान दिलाई और भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत दूत बनकर उभरी.
 
उनके द्वारा किए गए वैश्विक प्रस्तुतियों ने भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दी. भारत सरकार ने उन्हें *पद्म श्री* जैसे सम्मान से नवाजा, जो उनके संगीत के प्रति उनके अपार योगदान को दर्शाता है. रफ़ी की आवाज़ और गायकी आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसी हुई है, और वह भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए हमेशा याद किए जाएंगे.
 
प्रमुख रचनाएँ: Baharon Phoolon Ka, Teri Bindiya Re, Kya Hua Tera Wada

पुरस्कार: पद्म श्री, फिल्मफेयर अवार्ड

लता मंगेशकर : संपूर्ण जीवन परिचय | Lata Mangeshkar Full biography

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)गायिका

 

 

 

 

 

लता मंगेशकर भारतीय संगीत की एक किंवदंती हैं, जिनकी आवाज़ ने भारतीय फिल्म संगीत को संजीवनी दी और उसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई. उनकी गायकी की सरलता और भावनाओं की गहराई ने उन्हें हर पीढ़ी में प्रिय बना दिया। लता जी ने न केवल हिंदी, बल्कि बांग्ला, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कई अन्य भाषाओं में भी गीत गाए हैं, जिससे उनका संगीत विभिन्न संस्कृतियों में समृद्ध हुआ. उनकी आवाज़ ने भारतीय फिल्म संगीत को पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय बनाया और उन्होंने कई देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान, नेपाल और दुबई में लाइव कंसर्ट्स और संगीत समारोहों का हिस्सा बनकर भारतीय संगीत का परचम लहराया.

उनके योगदान को भारत सरकार ने पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और 2001 में भारत रत्न जैसे उच्चतम नागरिक सम्मान देकर सम्मानित किया. लता जी की आवाज़ आज भी भारतीय फिल्म संगीत का अभिन्न हिस्सा है, और उनका योगदान भारतीय संगीत को दुनिया भर में एक सम्मानजनक स्थान दिलाने में अविस्मरणीय है. उनकी गायकी का जादू आज भी श्रोताओं के दिलों में बसा हुआ है, और वह भारतीय संगीत की अमूल्य धरोहर बनकर हमेशा जीवित रहेंगी.

प्रमुख रचनाएँ: Lag Jaa Gale, Pyaar Kiya To Darna Kya, Ae Mere Humsafar
 
पुरस्कार: भारत रत्न, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण

 

 

 

 

संगीत की दुनिया में मुस्लिम संगीतकारों और गायकों ने भारतीय और वैश्विक मंच पर अपनी अद्वितीय छाप छोड़ी है। इन कलाकारों के माध्यम से संगीत ने न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संगीत की पहचान बनाई। चाहे वह शास्त्रीय संगीत हो, ग़ज़ल, सूफी, या बॉलीवुड संगीत—इन कलाकारों ने अपने संगीत से न केवल अपनी संस्कृति को बल्कि समग्र मानवता को भी जोड़ने का काम किया है। आज, अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस पर हम इन महान कलाकारों को न केवल उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं, बल्कि उनकी विरासत को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प भी लेते हैं.