आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक संस्थान हैं.आईएमडीबी (इंटरनेट मूवी डेटाबेस) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, शाहरुख खान को भारत का सबसे प्रोलिफिक (सक्रिय और प्रभावशाली) स्टार घोषित किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, शाहरुख ने पिछले 25 वर्षों (2000-2025) में भारत की 130 सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से 20 फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं . यह किसी भी भारतीय अभिनेता द्वारा प्राप्त सबसे ऊंचा आंकड़ा है.शाहरूख खान को हाल में ही जवान के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला है.
आईएमडीबी की यह विशेष रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है "25 Years of Indian Cinema (2000–2025)" जारी की गई. आईएमडीबी दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म डेटाबेस है, जिसके हर महीने 250 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं.
रिपोर्ट का विश्लेषण उन फिल्मों पर आधारित है जो जनवरी 2000 से अगस्त 2025 के बीच हर वर्ष की टॉप 5 सबसे लोकप्रिय भारतीय फिल्मों में शामिल रहीं. इन फिल्मों को दुनियाभर के 91 लाख से अधिक यूज़र्स द्वारा रेट किया गया.
2000 के दशक में शाहरुख का सुनहरा दौर
इस अध्ययन के अनुसार, 2000 से 2004 के बीच रिलीज़ हुई 25 सबसे लोकप्रिय भारतीय फिल्मों में से 8 फिल्मों में शाहरुख ने लीड रोल निभाया. इस दौर में उन्होंने लगातार 5 वर्षों तक साल की सबसे चर्चित फिल्म में मुख्य भूमिका निभाकर अपनी बेमिसाल स्टारडम का लोहा मनवाया.
सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि जिन वर्षों में शाहरुख की कोई नई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई, उन वर्षों में भी वे आईएमडीबी की 'पॉपुलर इंडियन सेलेब्रिटी लिस्ट' में शीर्ष 10 में बने रहे. उदाहरण के लिए, 2024 में बिना किसी नई रिलीज के, वे पूरे साल हर सप्ताह इस सूची में जगह बनाए रहे. यह उनके स्थायी आकर्षण और दुनियाभर में फैले फैनबेस का प्रमाण है.
शाहरुख खान की प्रतिक्रिया
अपनी इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए 59 वर्षीय अभिनेता शाहरुख खान ने कहा:"यह देखना बेहद प्रेरणादायक और विनम्र करने वाला है कि जिन फिल्मों का मैं हिस्सा रहा, उन्होंने लोगों के दिलों को छुआ है. मेरा मकसद हमेशा लोगों को मनोरंजन देना और कहानियों के ज़रिए उनका प्यार जीतना रहा है."
उन्होंने आगे कहा,"मेरा हमेशा से यह विश्वास रहा है कि सिनेमा की सबसे बड़ी ताकत उसकी सीमाएं पार करने की क्षमता में है , चाहे वह भाषा हो, संस्कृति हो या देश की सीमाएं. यह जानकर संतोष होता है कि मेरी फिल्में केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में दर्शकों के दिलों को छू सकी हैं. मैं आभारी हूं कि आईएमडीबी ने मेरी 25 साल की इस यात्रा को इतने शानदार तरीके से रेखांकित किया और हां, 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त'."
आईएमडीबी की इस रिपोर्ट में भारतीय सिनेमा के स्टारडम के बदलते स्वरूप पर भी प्रकाश डाला गया है.रिपोर्ट के मुताबिक, 2000 से 2005 के बीच 25 सबसे लोकप्रिय फिल्मों में 13 प्रमुख पुरुष सितारे थे. वहीं पिछले 5 वर्षों में, यह आंकड़ा बढ़कर 23 अलग-अलग पुरुष सितारों तक पहुंच गया है. इनमें केवल प्रभास, अल्लू अर्जुन, सूर्या और विजय ही ऐसे अभिनेता रहे हैं, जिनकी एक से अधिक फिल्मों ने लिस्ट में जगह बनाई.
आईएमडीबी ने स्पष्ट किया कि जहां पहले सितारे किसी फिल्म की सफलता की गारंटी हुआ करते थे, आज वे फिल्म की सफलता के एक अंग मात्र हैं. आजकल दर्शक सेल्फी लेने के लिए लाइन में लग सकते हैं, लेकिन फिल्म देखने के लिए थिएटर न भी जाएं , यही स्टारडम का नया यथार्थ है."
शाहरुख खान: एक वैश्विक प्रतीक
शाहरुख खान की लोकप्रियता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. उन्हें अक्सर "ग्लोबल आइकन" के रूप में भी देखा जाता है. चाहे वो “माई नेम इज़ खान” जैसी संवेदनशील फिल्म हो, “चक दे इंडिया” जैसी प्रेरणादायक कहानी, या फिर हालिया “पठान” जैसी एक्शन-थ्रिलर — शाहरुख ने हर शैली में खुद को साबित किया है.
उनका करिश्मा सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं है. वे ब्रांड एंडोर्समेंट, सोशल मीडिया, मानवता से जुड़े अभियानों, और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोहों में भी बराबर सक्रिय हैं. यही वजह है कि उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली और पसंद किए जाने वाले भारतीय कलाकारों में से एक माना जाता है.
आईएमडीबी की यह रिपोर्ट केवल शाहरुख खान की एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उन 25 वर्षों की विरासत का उत्सव है जिसे उन्होंने मेहनत, जुनून और निष्ठा के साथ गढ़ा है.
उनका नाम न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर चमकता है, बल्कि लोगों के दिलों में भी अमिट छाप छोड़ता है। और जैसा उन्होंने खुद कहा , “पिक्चर अभी बाकी है…” शायद यही वादा है कि आने वाले सालों में भी शाहरुख खान का जादू बरकरार रहेगा.