भारत-रूस साझा बयान: पीएम मोदी ने कही कई बड़ी बातें

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-12-2025
India-Russia Joint Statement: PM Modi said,
India-Russia Joint Statement: PM Modi said, "We have to lead for stability and peace in a changing world."

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

आज पीएम Narendra Modi और रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin की बैठक के बाद जारी साझा बयान (Joint Statement) में यह दोनों देशों ने एक बार फिर अपने गहरे, “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को रेखांकित किया। 

रणनीतिक साझेदारी बनी रहेगी — मोदी का भरोसा

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस से रिश्ता केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि भरोसे और साझा सम्मान पर आधारित है। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में दोनों देशों का मिलकर काम करना — वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है। 
 
रूस ने भी दोहराया कि वह भारत के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा देखता है, खासकर रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान–प्रौद्योगिकी व आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों में। 
 
रक्षा, ऊर्जा व टेक्नोलॉजी में नई पहल

जारी बयान में, दोनों देशों ने बताया कि वे अब रक्षा उपकरणों की आपूर्ति को तेज करेंगे। पुराने रूसी हथियारों के पुर्ज़ों के लिए भारत में विनिर्माण (Make in India) पर जोर दिया गया है। 
 
ऊर्जा श‍्रमिक, कृषि, उर्वरक और उर्जा-संबंधित साझेदारी भी विस्तारित होगी। एक प्रमुख फैसला यह हुआ कि भारतीय उर्वरक कंपनियाँ रूस में मिलकर यूरोपीय बाजारों की आपूर्ति के लिए फैक्ट्री स्थापित करेंगी। 
 
वैश्विक स्थिरता व अंतर्राष्ट्रीय शांति में सहयोग

दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई जारी रखने, आतंकवादियों के लिए किसी भी तरह की जगह नहीं देने और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। 
 
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं बल्कि कूटनीति व शांतिपूर्ण हल में विश्वास करता है। रूस ने भी इस दृष्टिकोण का स्वागत किया। 
 
व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान और लोगों के बीच रिश्तों को नई दिशा

बयान में कहा गया है कि रूस और भारत अब ऊर्जा, नवाचार, विज्ञान–प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य, मीडिया व सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे। 
 
शिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों, छात्रों व संस्थानों के बीच संपर्क बढ़ाने की बात भी शामिल है। इससे दोनों देशों के बीच लोगों-से-लोगों का समन्वय और मजबूत होगा। 
 
भविष्य की रूपरेखा — 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य

दोनो देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए निवेश, साझेदारी, उत्पादों का आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की रणनीति तय की गई है।