एक दिवसीय सुन्नी इज्तेमा का भव्य आयोजन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-11-2023
एक दिवसीय सुन्नी इज्तेमा का भव्य आयोजन
एक दिवसीय सुन्नी इज्तेमा का भव्य आयोजन

 

फरहान इसराइली/ जयपुर
 
सुन्नी दावते इस्लामी की ओर से रविवार को जयपुर के वादी-ए-हुसैन कर्बला मैदान में एक दिवसीय सुन्नी इज्तेमा (अधिवेशन) का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विभिन्न स्थानों से इस्लामिक स्कॉलर, इस्लामी विद्वान, विभिन्न विषय विशेषज्ञ सहित वरिष्ठ जन बड़ी संख्या में जुटे.

 अधिवेशन में सूफीवाद का संदेश तथा हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालीमत को फैलाने का संकल्प लिया गया. वहीं हजरत मोहम्मद साहब की तालीमात को आम करने पर बल दिया. साथ ही शिक्षा को प्रोत्साहन और समाज में फैलती नशाखोरी पर अंकुश का संकल्प लिया गया.
 
तैमूर रफत व जुनैद रफत द्वारा पेश की गई नात शरीफ से कार्यक्रम के हुए आगाज में अमीरे सुन्नी दावते इस्लामी के मोहम्मद शाकिर अली नूरी साहब ने इस्लाहे मआशरा, इंसान कौन, वह कैसा तथा एक मुसलमान के अंदर क्या क्वालिटी होनी चाहिए विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज सुधार का पैगाम देने के साथ ही हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की तालीमात को आम करने पर बल दिया.
 
मालेगांव से आए सय्यद अमीनुल कादरी साहब ने इश्क-ए-रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की तालीमात को आम करने पर बल दिया. उन्होंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम द्वारा किए गए अमल व कार्य को अपने जीवन में उतारने का उपस्थित जन से आह्वान किया.कारी रिजवान साहब ने इस्लाम में अब तक के वैज्ञानिकों और मुस्लिम साइंटिस्ट तथा उनकी उपलब्धियों पर विस्तार से बताया.
 
 उन्होंने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए उपस्थित लोगों से दुनियावी तालीम भी आला दर्जे के साथ हासिल करने का आह्वान किया. कार्यक्रम आयोजक मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी साहब ने शिक्षा की अहमियत बताते हुए बच्चों की तालीम में मां का किरदार और समाज में फैल रहे नशे की लत को समूल नष्ट करने का लोगों से आह्वान किया.
 
 मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी साहब ने तालीम की अहमियत बताते हुए कहा कि हमें अपनी बच्चियों को भी आला तालीम दिलवानी होगी. उन्हें तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे लाना होगा. साथ ही दीनी तालीम को जीवन में आत्मसात करना होगा. उन्होंने समाज में फैलती नशाखोरी की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का आह्वान किया.
 
 मुफ्ती निजामुद्दीन साहब ने अपनी तकरीर में धार्मिक शिक्षा के साथ ही दुनियावी तालीम पर भी बल दिया. उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे देश की गंगा-जमुनी तहजीब में प्रगाढता लाते हुए इसे आगे बढ़ाएं. उन्होंने देश में फैलते वैमनस्यता के माहौल पर चिंता जताई तथा लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें देश की प्रगति, विकास एवं उत्थान के लिए अपना अहम रोल अदा करना होगा.
 
जयपुर शहर मुफ्ती अहले सुन्नत मुफ्ती अब्दुस्सत्तार साहब ने सरपरस्ती करते हुए सभी से सद्भाव के साथ मिलजुल कर रहने का अनुरोध किया।. उन्होंने दीनी व दुनियावी तालीम पर बल दिया. करबला में आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में सुन्नी दावते इस्लामी के मौलाना  मोहम्मद शाकिर अली साहब, जामिआतुल अशरफिया मुबारकपुर के मुफ्ती निजामुद्दीन साहब, रूकने शूरा सुन्नी  दावत-ए-इस्लामी मुंबई के कारी रिजवान साहब, सुन्नी दावते इस्लामी मालेगांव के मौलाना सय्यद अमीनुल कादरी साहब ने विभिन्न विषयों पर जनसमूह को संबोधित किया. वहीं अधिवेशन की सरपरस्ती मुफ्ती अब्दुस्सत्तार साहब ने की.
 
तलबा व तालिबात को किया सम्मानित

कार्यक्रम संयोजक मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी एवं सह संयोजक शेख नासिरुद्दीन ने बताया कि अधिवेशन में महिलाओं के बैठने की व्यवस्था अलग से की गई.अधिवेशन में मुफ्ती, कारी, हाफिज, मौलवी हजरात सहित विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए.
 
तैमूर रफअत, जुनैद रफअत ने नआत शरीफ पढी. अधिवेशन में मदरसा दारुल उलूम नूरी सुन्नी सेंटर पहाडगंज, सूरजपोल जयपुर से फारिगीन हाफिज व मौलवी हजरात की निजामुद्दीन साहब के मुबारक हाथों से दस्तारबंदी कर सम्मानित किया गया. लड़कियों का इदारा जामिया आयशा सिद्दीका लिल बनात की चार बच्चियों को रिदा-ए-फजीलत ओढाई गई.
 
jaipur
 
यह अतिथि रहे मौजूद

सुन्नी दावते इस्लामी का पहला इज्तेमा 13 अक्टूबर 2019 में हुआ था. दूसरा सुन्नी इज्तेमा 26 नवंबर 2023 को करबला मैदान, जयपुर में हुआ है, जिसमें मुख्य अतिथि मौलाना मुहम्मद शाकिर अली नूरी साहब अमीर सुन्नी दावते इस्लामी, मोहक्किके मसाईले जदीदा हज़रत मौलाना मुफ्ती निज़ामुद्दीन साहब किब्ला सदर शोबा ए इफ्ता अल्जामियातुल अशरफिया मुबारकपुर आलमी शोहरत याफ्ता इस्लामिक स्कॉलर नातखां बुलबुले बागे मदीना अल्हाज कारी मुहम्मद रिजवान खान साहब रुकने शूरा मुंबई, आले रसूल अल्हाज मौलाना सय्यद अमीनुल कादरी साहब किब्ला मालेगांव से तशरीफ लाए.
 
 राजस्थान से गुले गुलज़ारे चिश्तिया मौलाना सय्यद सुल्तानुल हसन चिश्ती साहब दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज़ अजमेर शरीफ, मौलाना मुफ्ती शमशुद्दीन साहब किब्ला मकराना, मौलाना हाफिज अल्लाह बख़्श किब्ला बासनी, मौलाना फय्याज अहमद साहब किब्ला जोधपुर, मौलाना अबु बकर साहब नागौर, मौलाना सलीम अकबरी साहब भीलवाड़ा, मौलाना अंसारुल कादरी साहब व मौलाना हाफिज मोइनुद्दीन रज़वी साहब अजमेर शरीफ से तशरीफ लाएं.
 
इज्तेमा की सदारत हजरत मौलाना कारी अहतराम आलम साहब ने की। खुसूसी निगरानी आले रसूल अल्हाज मौलाना सय्यद मुहम्मद कादरी साहब व हाजी हसीन अहमद साहब ने फरमाई. इज्तेमा में हाफिज व कारी गुलाम मोईनुद्दीन कादरी जहांगीरी, हाजी नायाब खान, नासिरुद्दीन शेख, हाजी अबसार अली, हाजी नइमुल्लाह, हाजी हकीम हुसैनी, हाजी हामिद बैग, मोहम्मद शकील अशरफी, सैयद मोहम्मद अकील नूरी इत्यादि मौजूद रहे.
 
इश्क ए रसूल पर हुई तकारीर

शेख नसीरुद्दीन साहब ने बताया कि पहला खिताब हजरत मौलाना सय्यद मुहम्मद कादरी साहब का समाज में फैल रही बुराइयों के खात्मे, कारी मुहम्मद रिज़वान खान साहब एजुकेशन अवेयरनेस पर, हाफिज़ अल्लाह बख्श साहब दीनों तबलीग कैसे की जाए और मौलाना शाकिर अली नूरी साहब व मौलाना सय्यद अमीनुल क़ादरी साहब इस्लाहे मुआशरा व इश्के रसूल के उनवान पर तकरीर की. खुसूसी ज़िक्रो दुआ के साथ सलातो सलाम पर इज्तेमा का समापन हुआ.
 
jaipur
 
महिलाओं के बैठने की अलग से रही व्यवस्था

अधिवेशन में औरतों के बैठने के लिए भी पर्दे का माकूल इंतेजाम रहा. यह इज्तेमा सूफी विचार धाराओं, औलिया अल्लाह ख्वाजा गरीब नवाज़ के मानने वालों का है. इसमें सूफी विचार व औलिया अल्लाह की सुफिज्म शिक्षा को बढ़ावा दिया गया.मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी ने कहा कि आलमी तहरीक सुन्नी दावते इस्लामी अपने कयाम ही से मुल्क व कौम की तरक्की के लिए हर मुम्किन कोशिश करती रही है.