महाराष्ट्र का गणेशोत्सव: भक्ति, संस्कृति और समाजिक एकता का अद्वितीय पर्व

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 23-08-2025
Ganesh Chaturthi 2025: The biggest and grandest pandals in Maharashtra
Ganesh Chaturthi 2025: The biggest and grandest pandals in Maharashtra

 

अर्सला खान /नई दिल्ली

गणेश चतुर्थी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की आत्मा और संस्कृति का उत्सव है. इस अवसर पर राज्य के कोने-कोने में हजारों गणेश पंडाल सजते हैं, जिनमें कुछ अपनी भव्यता, परंपरा और आध्यात्मिक आभा के कारण विशेष पहचान बना चुके हैं.

GSB सेवा मंडल, किंग्स सर्कल, मुंबई

इस वर्ष का सबसे संपन्न और सुरक्षित पंडाल माना जा रहा है मुंबई का GSB Seva Mandal. यहां स्थापित गणपति को ‘गोल्डन गणपति’ कहा जाता है क्योंकि मूर्ति पर लगभग 66 किलो सोना और 336 किलो चांदी का श्रृंगार किया गया है. मंडल ने इस वर्ष ₹474.46 करोड़ का बीमा कराया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. यहां पूजा-पाठ की परंपरा बेहद शास्त्रीय और दक्षिण भारतीय विधि से होती है, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है.
 
 
 
लालबागचा राजा, मुंबई

गणेश चतुर्थी पर सबसे ज्यादा चर्चा जिस पंडाल की होती है, वह है लालबागचा राजा. 1934 से चली आ रही इस परंपरा में ‘नवसाचा गणपति’ के दर्शन के लिए हर साल लाखों भक्त आते हैं. भक्त मानते हैं कि यहां मांगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. इस पंडाल की सजावट हर साल अलग थीम पर होती है और विसर्जन जुलूस मुंबई की पहचान बन चुका है.
 
 
 
खेतवाड़ी गणराज, गिरगांव, मुंबई

खेतवाड़ी गणराज अपनी ऊंची-ऊंची गणेश प्रतिमाओं के लिए मशहूर है. यहां कभी 40 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई थी, जिसने सबका ध्यान खींचा। इस पंडाल की खासियत है कि हर साल मूर्ति की भव्यता और सजावट के साथ कला का नया आयाम प्रस्तुत किया जाता है.
 
 
 
गणेश गली (मुंबईचा राजा)

गणेश गली पंडाल अपनी रचनात्मक सजावट और समाजोपयोगी संदेशों के लिए जाना जाता है. यहां हर साल भारत की किसी प्रसिद्ध इमारत, मंदिर या ऐतिहासिक स्थल की झलक पंडाल में दिखाई जाती है.
 
 
 
चिंचपोकळीचा चिंतामणी

यह पंडाल मुंबई के सबसे पुराने गणेश मंडलों में गिना जाता है. यहां की सादगीपूर्ण परंपरा और भक्तों की भीड़ इसे खास बनाती है.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अंधेरीचा राजा

अंधेरी का राजा मुंबई के सबसे लोकप्रिय पंडालों में से एक है, जिसकी पहचान है. यहां हर साल थीम आधारित सजावट और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल। यह पंडाल खासतौर पर युवाओं को आकर्षित करता है.
 
 
गणेशोत्सव की सांस्कृतिक धारा

गणेश चतुर्थी के दौरान इन पंडालों में भक्तों की लाखों की भीड़ उमड़ती है. यहां सिर्फ धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि समाजिक सद्भाव, कला और संस्कृति का भी अद्भुत संगम देखने को मिलता है. महाराष्ट्र सरकार ने बड़े-बड़े गणेश पंडालों के लिए विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए समुद्र में विसर्जन की अनुमति दी है.
 
 

 
महाराष्ट्र का गणेशोत्सव सिर्फ भक्ति का प्रतीक नहीं बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का उत्सव है. GSB सेवा मंडल की भव्यता, लालबागचा राजा की आस्था, खेतवाड़ी गणराज की ऊंचाई, गणेश गली की कलात्मकता और चिंचपोकळी व अंधेरी के राजा की लोकप्रियता. ये सभी मिलकर इस पर्व को एक अनोखा अनुभव बनाते हैं.