आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
श्रीनगर के सर्किट हाउस में बृहस्पतिवार को उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिला जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह से मिलने से रोक दिया गया.
सिंह को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत आप विधायक मेहराज मलिक को हिरासत लिये जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने से रोकने के लिए परिसर के अंदर बंद कर दिया गया था.
पुलिस ने गेस्ट हाउस का गेट बंद कर दिया जिससे दोनों नेता (फारूक अब्दुल्ला एवं सिंह) एक दूसरे से मिल नहीं पाये। फारूक अब्दुल्ला ने इसे संवैधानिक मूल्यों पर ‘सीधा हमला’ बताया.
सिंह अपनी पार्टी के सहयोगी और डोडा विधायक मेहराज मलिक की हाल ही में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिये जाने एवं गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे। नेशनल कांन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला एकजुटता दिखाने के लिए वहां पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया.
निराश अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यहां का यह हाल है। चुनी हुई सरकार तो है, लेकिन लगता है कि इसकी डोर उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) के पास है.’
उन्होंने पाबंदियों की आलोचना करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन करना एक संवैधानिक अधिकार है और उपराज्यपाल अपनी शक्तियों का ‘दुरुपयोग’ कर रहे हैं.
गेट के दूसरी तरफ, राज्य सभा सदस्य सिंह ने पुलिस से सवालिये लहजे में कहा, ‘‘ वह एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मैं एक सांसद हूं। क्या समस्या है? क्या गुनाह है? क्या आप कह रहे हैं कि दो सांसद आपस में दुआ-सलाम भी नहीं कर सकते?’’
सिंह प्लास्टिक की कुर्सी पर खड़े होकर पुलिस से बहस कर रहे थे, जबकि फारूक अब्दुल्ला गेट के बाहर खड़े थे.