बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' अब ग्लोबल रिलीज के लिए तैयार, 2024 में इसके ऑस्कर पुरस्कार की दौड़ में शामिल होने की संभावना

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 10-03-2023
बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' अब ग्लोबल रिलीज के लिए तैयार, 2024 में इसके ऑस्कर पुरस्कार की दौड़ में शामिल होने की संभावना
बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' अब ग्लोबल रिलीज के लिए तैयार, 2024 में इसके ऑस्कर पुरस्कार की दौड़ में शामिल होने की संभावना

 

जयनारायण प्रसाद

हिंदू-मुस्लिम सद्भाव और भाईचारे का संदेश ‌देने‌ वाली बांग्ला मूवी 'दोस्तजी' (फ्रेंड्स) अब वैश्विक स्तर पर धूम मचाने जा रही है. अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के अबु धाबी, कतर, शारजाह और अजमन शहर में एक ही दिन 17मार्च, 2023को यह बांग्ला फिल्म रिलीज होगी. इतनी बड़ी रिलीज और इस फिल्म की कहानी के आधार पर 'दोस्तजी' को वर्ष 2024के 96वें एकाडेमी मोशन पिक्चर्स पुरस्कार यानी ऑस्कर  प्रतियोगिता की मुख्य श्रेणी (मेन सेक्शन) के लिए यह फिल्म अपने आप क्वालिफाई कर गई है.

 

 

दोस्तोजी 17 मार्च को पूरे अमेरिका, कनाडा, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रिलीज हो रही है. इस फिल्म के निर्देशक प्रसून चटर्जी के मुताबिक, 'दोस्तजी' आगामी 17मार्च, 2023को अमेरिका के 26राज्यों के 75शहर, कनाडा के 17शहर, आस्ट्रेलिया के 10शहर और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, अबु धाबी, शारजाह और करीब  साढ़े पांच लाख की आबादी वाले अजमन‌ सिटी में भी एक ही दिन यानी आगामी 17मार्च को 'दोस्तजी' रिलीज होने जा रही है. निर्देशक प्रसून चटर्जी रिलीज के दिन खुद भी अमेरिका में रहेंगे. उनके जाने की तैयारी आखिरी पड़ाव पर है.

 

 

बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' की शूटिंग करते निर्देशक प्रसून चटर्जी


वर्ष 2024 की 96वीं ऑस्कर प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई करना हिंदुस्तान और बंगाल दोनों के लिए फक्र की बात मानी जा रही है. पिछले साल 11नवंबर को यह फिल्म 'दोस्तजी' कोलकाता में रिलीज हुई थीं. बंगाल में यह फिल्म धुआंधार चली है. अब विदेश की ओर रुख कर रही है.  अभी तक इस मूवी 'दोस्तजी' को आठ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं ‌और 26देशों के फिल्म महोत्सवों में यह दिखाई व सराही जा चुकी है. अमिताभ बच्चन तक ने अपने टिवटर हैंडल पर फिल्म 'दोस्तजी' की खूब तारीफ की है.

 

 

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में तमाम पुरस्कार बटोरने के बाद यह बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' जब 11 नवंबर, 2022 को कोलकाता में पहली दफा रिलीज हुई थीं, तो 'आवाजदव्यायस' ने कुछ दिनों बाद इस बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' की तारीफ में एक टिप्पणी जारी की थी.  110 मिनट की फिल्म 'दोस्तजी' दो बच्चों की कहानी कहता है. एक हिंदू बच्चा है, तो दूसरा मुस्लिम. पूरी फिल्म वर्ष 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस और वर्ष 1993 में हुए बंबई बम धमाके के परिप्रेक्ष्य में चलती है. 'दोस्तजी' असल में भारत-बांग्लादेश सरहद की कहानी है.

 

 

फिल्म 'दोस्तजी' में आशिक और आरिफ

 

मुस्लिम बच्चा (आरिफ शेख) के बहाने यह फिल्म भाईचारे की कहानी सुनाती है.‌ इस बांग्ला फिल्म को देखकर अनायास ही सत्यजित राय की मास्टरपीस मूवी 'पथेर पांचाली' (1955) की याद आती है. राय मोशाय की 'पथेर पांचाली' में 'कास फूल' और प्रकृति की मोहक छटा है ठीक वैसे ही दृश्य 'दोस्तजी' में भी है. हरियाली और 'कास फूल' फिल्म 'दोस्तजी' की सबसे बड़ी खूबी है. मुस्लिम बच्चा (फिल्मी नाम सफीकुल) की भूमिका में आरिफ शेख ने शानदार रोल निभाया है, तो हिन्दू बच्चे पलाश के रोल में आशिक शेख भी सबका मन मोह लेता है.

 

 

अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के साथ निर्देशक प्रसून चटर्जी और 'दोस्तजी' की‌ टीम


 

निर्देशक प्रसून चटर्जी बताते हैं - 'मेरे लिए यह गर्व का पल है. मैं सोच भी नहीं सकता था कि एक दिन मेरी फिल्म 'दोस्तजी' विदेशों में भाईचारे का मैसेज देने जाएगी.'  इस बांग्ला फिल्म 'दोस्तजी' का छायांकन और साउंड डिजाइन अद्भुत है. संपादन भी लाजवाब है. छायांकन तुहिन विश्वास ने किया है, तो साउंड डिजाइन डायरेक्टर प्रसून चटर्जी ने खुद. इस फिल्म का संपादन दो लोगों ने मिलकर किया है. एक हैं संजय दत्त राय और दूसरे हैं शांतनु मुखोपाध्याय. इन दोनों के काम को सलाम करने की इच्छा होती है.

 

 

इस फिल्म की पूरी शूटिंग भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल अंचल में हुई है. वर्ष 2017 में शूटिंग शुरू हुई थीं और बनते-बनते साढ़े चार साल लग गए. फिर, संपादन का काम हुआ. उसके बाद रिलीज.  महानगर कोलकाता से मुर्शिदाबाद की दूरी लगभग साढ़े तीन घंटे की है, जहां प्राथमिक विद्यालय और मदरसों की तादाद 50 से ऊपर है. इन्हीं मदरसों के बीच से आरिफ शेख और आशिक शेख को चुना गया. प्रसून चटर्जी दुख के साथ बताते हैं - ये दोनों बच्चे अमेरिका नहीं जा पाएंगे, क्योंकि इनका पासपोर्ट नहीं है.