अल-इस्सा ने अक्षरधाम मंदिर में बिताए तीन घंटे, कहा-भारत विविधता में एकता का महान उदाहरण है
आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
सप्ताह भर के भारत दौरे पर आए मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा ने इस क्रम में भारतीय वास्तुकला, संस्कृति और मूल्यों के वैभव को देखने के लिए स्वामीनारायण अक्षरधाम में 3 घंटे बिताए.
इस दौरान उन्हंे बताया गया कि इसका दुनिया के लिए गौरवशाली योगदान है. इस दौरान अल-इस्सा ने विश्व शांति, सद्भाव और सह-अस्तित्व के संबंध में अक्षरधाम के स्वामियों से विचार-विमर्श किया.
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर पहुंचने पर अल-इस्सा का परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की ओर से स्वामी ब्रह्मविहारीदास एवं स्वामी धर्मवत्सलदास ने अभिनंदन एवं स्वागत किया.बता दें कि सउदी अरब के रियाद में 2022 में आयोजित अपनी तरह के पहले वैश्विक अंतरधार्मिक सम्मेलन में अल-इस्सा की स्वामी ब्रह्मविहरिदास से आखिरी बातचीत हुई थी. मगर दिल्ली में उनके दोबारा मिलने पर दोनों बेहद खुश नजर आए.
इस दौरान अल-इस्सा अक्षरधाम की सार्थक नक्काशी देखकर मंत्रमुग्ध दिखे. उन्हें भगवान स्वामीनारायण और बीएपीएस के गुरुओं के जीवन, कार्यों और संदेशों के बारे में जानने में भी दिलचस्पी दिखाई.
इस मौके पर परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज ने उनके बारे में कहा, “उनकी आंखें सब कुछ कहती हैं. उनकी आभा से शांति और सद्भाव का संदेश निकलता है.अल-इस्सा ने गजेंद्र पीठ की परिक्रमा की और धार्मिक सद्भाव और पारिवारिक एकता के मूल्यों की सराहना की.
इसके अलावा अल-इस्सा ने मानव सद्भाव के साझा मूल्यों और शांतिपूर्ण पर स्वामी ब्रह्मविहरिदास के साथ बैठकर बातचीत भी की. इस दौरान मुस्लिम वल्र्ड लीड द्वारा चलाए जा रहे वैश्विक सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यों की सराहना की गई.
अल-इस्सा स्वामियों की आध्यात्मिक प्रतिज्ञाओं से बहुत प्रभावित हुए और बताया कि कैसे विनम्रता और आध्यात्मिकता विश्व शांति और सद्भाव बनाने में मदद कर सकती है. उन्हें अबू धाबी में बनने वाले प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक हिंदू मंदिर के बारे में जानकर खुशी हुई कि कैसे यह वैश्विक सद्भाव के लिए एक आध्यात्मिक नखलिस्तान बनने जा रहा है.
उन्होंने अपनी यात्रा पर गहरा संतोष व्यक्त किया. कहा-भारत विविधता में एकता का एक महान उदाहरण है. अक्षरधाम की मेरी यात्रा, एक पूजा स्थल, प्रेम, शांति और सद्भाव से भरा हुआ, उसका सार है.
अल-इस्सा ने स्वामियों को रियाद में आमंत्रित किया और सामूहिक रूप से एक खुशहाल और अधिक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता साझा करने की बात कही.