पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और महान तेज़ गेंदबाज़ वसीम अकरम ने अपने 17 साल लंबे क्रिकेट करियर की यादें साझा करते हुए अपने दौर के पांच सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों के नाम बताए हैं। इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटरों माइकल वॉन, सर एलेस्टेयर कुक, डेविड लॉयड और फिल टफनेल के साथ 'Stick to Cricket' पॉडकास्ट पर बातचीत करते हुए अकरम ने खुलकर अपने अनुभव साझा किए।
जब उनसे पूछा गया कि उनके करियर का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ कौन था, तो 59 वर्षीय अकरम ने बिना किसी झिझक के वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स का नाम लिया। उन्होंने कहा कि रिचर्ड्स केवल एक शानदार बल्लेबाज़ नहीं थे, बल्कि उनके अंदर एक खास करिश्मा था, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता था। अकरम ने बताया कि 1987–88 में जब उन्होंने पहली बार सर विव का सामना किया, तब वे अपने करियर के अंतिम चरण में थे, लेकिन तब भी वे सभी के हीरो थे।
अपनी पसंदीदा पांच क्रिकेट हस्तियों की सूची में वसीम अकरम ने सबसे ऊपर इमरान खान को रखा। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने पाकिस्तान क्रिकेट के लिए जो योगदान दिया, वह अविश्वसनीय है। इसके बाद उन्होंने क्रमशः विवियन रिचर्ड्स, न्यूजीलैंड के मार्टिन क्रो, वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा और भारत के सचिन तेंदुलकर को इस सूची में शामिल किया।
अकरम ने यह भी स्वीकार किया कि एकदिवसीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट ने उन्हें सबसे ज़्यादा परेशान किया। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने रिकी पोंटिंग के खिलाफ बहुत कम खेला, लेकिन गिलक्रिस्ट वनडे में उनके लिए एक बड़ा चैलेंज थे।
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए कौन से देश सबसे ज़्यादा पसंद थे, तो उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का नाम लिया। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड का क्रिकेट इतिहास, वहां की सुविधाएं और दर्शकों की खेल समझ इसे खास बनाती हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव भी हमेशा चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने 1989 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को अपने करियर का एक निर्णायक मोड़ बताया और कहा कि इमरान खान ने उन्हें समझाया था कि अगर कोई खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की ज़मीन पर अच्छा प्रदर्शन करता है, तो दुनिया उसे तुरंत पहचान लेती है — और वही उनके साथ हुआ।
अकरम की ये बातें न सिर्फ उनके क्रिकेट अनुभवों को उजागर करती हैं, बल्कि क्रिकेट के उस सुनहरे युग की भी झलक देती हैं जिसमें खेल का जज़्बा और सम्मान सर्वोपरि था।