ट्रायोन और डि क्लेर्क के नायाब खेल ने दिलाई दक्षिण अफ्रीका को बांग्लादेश पर रोमांचक जीत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-10-2025
Tryon and de Klerk's brilliant performances gave South Africa a thrilling win over Bangladesh.
Tryon and de Klerk's brilliant performances gave South Africa a thrilling win over Bangladesh.

 

विशाखापत्तनम

शीर्ष क्रम के संघर्ष और शुरुआती परेशानियों के बाद क्लो ट्रायोन और मरियाने काप ने संकटमोचक भूमिका निभाई, जबकि नडाइन डि क्लेर्क ने शानदार ‘फिनिशिंग’ कर दक्षिण अफ्रीका को महिला विश्व कप मुकाबले में बांग्लादेश को 3 विकेट से शिकस्त दी।

मुकाबले की कहानी

बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 232 रन का सम्मानजनक स्कोर किया। इस पारी को शोरना अख्तर ने संभाला, जिन्होंने 51 रन* बनाकर टीम को एक सम्मानजनक रन प्राप्ति दिलाई। शोरना ने यह पारी 35 गेंदों में बनाई — जिसमें तीन चौके और तीन छक्के शामिल थे। उनके अलावा रितु मोनी ने 10 ओवर में 1 विकेट लेते हुए सिर्फ 29 रन दिए।

दक्षिण अफ्रीका की पारी भी सुरक्षात्मक शुरुआत के बाद मुश्किल हो गई, जब शीर्ष क्रम दबाव में आ गया। काप और ट्रायोन ने बीच में 85 रन की साझेदारी दर्ज की, जो टीम को वापसी की राह पर ले आई। काप ने 56 रन बनाए (71 गेंद, 4 चौके, 1 छक्का), जबकि ट्रायोन ने 62 रन (69 गेंद) बनाकर अपनी पारी को मजबूती दी। ट्रायोन रन‑आउट हो गई, लेकिन तब तक टीम को जीत के लिए 31 गेंदों में 35 रन चाहिए थे।

अंतिम और निर्णायक पल में डि क्लेर्क ने 29 गेंदों में 37 रन* बनाकर टीम को जीत दिलाई। उन्होंने आखिरी ओवर में नाहिदा अख्तर से एक चौका और एक छक्का लगाकर दक्षिण अफ्रीका को 235 रन पर पहुंचे

अंकतालिका और महत्व

यह लगातार तीसरी जीत है दक्षिण अफ्रीका के लिए, जिससे वे चार मैचों में 6 अंक लेकर तीसरे स्थान पर आ गए हैं।

  • ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है (7 अंक)

  • इंग्लैंड दूसरे स्थान पर (3 मैच — 6 अंक)

  • भारत अभी 4 मैचों में 4 अंक के साथ चौथे स्थान पर है

विश्लेषण

  • बांग्लादेश के गेंदबाजों ने शुरुआत में अच्छी गेंदबाजी की और दबाव बनाए रखा।

  • भारत के खिलाफ तेज पारी खेलने वाली शोरना ने आज भी अपना असर दिखाया।

  • दक्षिण अफ्रीका ने मध्य क्रम की कमी को ट्रायोन-काप की साझेदारी और डि क्लेर्क की अन्तिम पारी से सफलतापूर्वक कवर किया।

यह जीत न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका की स्थिति मजबूत करती है, बल्कि यह दिखाती है कि जब टीम दबाव में हो, तो कड़ी लड़ाई और व्यक्तिगत योगदान कैसे मैच का रुख बदल सकते हैं।