गौतम गंभीर ने पूरे किए 44 साल: ICC टूर्नामेंट्स में भारत के संकटमोचक की कहानी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 14-10-2025
Gautam Gambhir turns 44: The story of India's troubleshooter in ICC tournaments
Gautam Gambhir turns 44: The story of India's troubleshooter in ICC tournaments

 

नई दिल्ली

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ और मौजूदा पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर मंगलवार को 44 साल के हो गए। गंभीर को भारत के लिए मुश्किल हालात में अहम पारियां खेलने वाले खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है — चाहे वो 2007 का टी20 वर्ल्ड कप हो या 2011 का वनडे विश्व कप।

करियर की शुरुआत और टेस्ट क्रिकेट में योगदान

गंभीर ने 2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और 2016 तक भारत के लिए एक प्रमुख ओपनर की भूमिका निभाई। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 58 मैचों में 4,154 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 22 अर्धशतक शामिल रहे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 206 रन रहा।
2008-09 के बीच उन्होंने 13 टेस्ट में 1,861 रन बनाए, औसतन 77.54, जिसमें 7 शतक और 7 अर्धशतक शामिल थे — इसी प्रदर्शन के चलते उन्हें ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर 2009 चुना गया।

न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर टेस्ट में खेली गई 436 गेंदों में 137 रन की पारी को आज भी विदेशी धरती पर भारत की सबसे साहसी पारियों में गिना जाता है।

वनडे में स्थायित्व और विश्व कप 2011 का नायक

वनडे क्रिकेट में, गंभीर ने 147 मैचों में 5,238 रन बनाए, औसत 39.68, जिसमें 11 शतक और 34 अर्धशतक शामिल रहे।

2011 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के लिए 393 रन बनाए, जिसमें फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 97 रनों की यादगार पारी भी शामिल है। यह पारी भारत को 28 साल बाद विश्व कप दिलाने में निर्णायक साबित हुई। उनकी मिट्टी से सनी जर्सी आज भी उस जज़्बे की प्रतीक है जिससे उन्होंने 'हर हाल में जीत' की भावना को जीया।

टी20 में शुरुआती सितारा

गंभीर भारत के शुरुआती टी20 सितारों में गिने जाते हैं। उन्होंने 37 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 932 रन बनाए, जिसमें 7 अर्धशतक शामिल हैं। 2007 के टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रनों की पारी ने भारत को जीत की ओर अग्रसर किया। उस टूर्नामेंट में वह भारत के सर्वोच्च रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे।

आईपीएल में कप्तानी का जलवा

आईपीएल में गंभीर का सफर भी बेहद सफल रहा। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 2012 और 2014 में दो खिताब जिताए। उन्होंने 154 मैचों में 4,217 रन बनाए, जिसमें 36 अर्धशतक शामिल हैं।
2012 में उन्होंने अकेले 590 रन बनाए, और एक कप्तान के रूप में बेहतरीन नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।

कोच के रूप में नई पहचान

क्रिकेट से संन्यास के बाद गंभीर ने IPL में मेंटर के रूप में सफलता पाई, जहां उन्होंने लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG) को लगातार दो बार प्लेऑफ तक पहुँचाया और 2025 में KKR को एक और खिताब दिलवाया।

भारत के मुख्य कोच के रूप में गंभीर की शुरुआत चुनौतीपूर्ण रही। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ घरेलू 0-3 की हार और ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाना उनके कार्यकाल की शुरुआत को कठिन बना गया। लेकिन इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ UK में 2-2 की बराबरी दिलाई — जो हाल के वर्षों की सबसे कड़ी टेस्ट सीरीजों में गिनी जाती है।

अब तक उनके नेतृत्व में भारत ने 16 टेस्ट खेले, जिनमें से 6 जीते, 8 हारे और 2 ड्रॉ रहे हैं।

ODI और T20 में सफलता की कहानी

वनडे में, गंभीर ने भारत को ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जिताई। शुरुआती दौर में श्रीलंका से 0-2 की हार के बावजूद, उन्होंने वापसी करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ जीती और फिर चैंपियंस ट्रॉफी खिताब भी। उनके कोचिंग में भारत ने 11 वनडे में 8 जीते, 2 हारे और 1 टाई खेला।

टी20 में गंभीर के नेतृत्व में भारत एक अजेय बल बन चुका है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी और गंभीर की रणनीति से भारत ने हाल ही में T20 एशिया कप बिना कोई मैच हारे जीत लिया, जिसमें पाकिस्तान को तीन मैचों की श्रृंखला में क्लीन स्वीप करना मुख्य आकर्षण रहा। उनके कोचिंग में भारत ने 22 T20I मैचों में से 18 जीते, सिर्फ 2 हारे और 2 टाई हुए।

एक क्रिकेटर से रणनीतिक कोच तक का सफर

गंभीर की पहचान सिर्फ एक बल्लेबाज या कप्तान के रूप में नहीं, बल्कि एक रणनीतिक विनर की मानसिकता रखने वाले नेता के रूप में रही है। मैदान पर उनकी जुझारू सोच और अब बतौर कोच उनकी आक्रामक रणनीति भारतीय क्रिकेट को नए युग में ले जा रही है।