भुवनेश्वर
भारत की एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में पदक की उम्मीदें सोमवार को उस समय पूरी तरह खत्म हो गईं जब महिला टीम को क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर के खिलाफ 2-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ भारतीय महिला टीम भी प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
इससे पहले, भारतीय पुरुष टीम पहले ही शुरुआती दौर में हारकर बाहर हो चुकी थी, जिससे पूरे टूर्नामेंट में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है।
मैच की शुरुआत में भारत को चौथी वरीयता प्राप्त होने का फायदा मिलता नहीं दिखा, और टीम ने सिंगापुर जैसी क्वालीफायर टीम के खिलाफ कई आसान मौके गंवा दिए।
मनिका बत्रा, जो टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, दो में से सिर्फ एक ही मुकाबला जीत सकीं। उनके प्रदर्शन से टीम को शुरुआती बढ़त तो मिली, लेकिन दीया चिताले की दोनों मैचों में हार ने भारत की स्थिति को कमजोर कर दिया।
हालांकि, युवा खिलाड़ी यशस्विनी घोरपड़े ने एक मुकाबला जीतकर उम्मीद जगाई, लेकिन निर्णायक मैच में भारत पिछड़ गया।सिंगापुर की टीम ने संयम और आक्रामकता का बेहतर संतुलन दिखाते हुए 3-2 से जीत दर्ज की और सेमीफाइनल में जगह बना ली।
भारत की इस हार से यह साफ हो गया कि टीम को आगे की प्रतियोगिताओं में बेहतर तैयारी और मानसिक मजबूती के साथ लौटना होगा, खासकर तब जब एशियाई स्तर पर प्रतिस्पर्धा लगातार कठिन होती जा रही है।