कोलंबो |
श्रीलंका के पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर अंशु फर्नांडो सात साल तक कोमा में रहने के बाद आखिरकार अपने घर लौट आए हैं। वर्ष 2018 में हुई एक भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद वे लगातार लाइफ सपोर्ट पर थे। उनके घर लौटने की खबर ने श्रीलंका के क्रिकेट जगत और खेल प्रेमियों के बीच भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा कर दी है।
यह हादसा 28 दिसंबर 2018 को हुआ था, जब फर्नांडो कोलंबो के माउंट लाविनिया क्षेत्र में प्रशिक्षण सत्र पूरा कर घर लौट रहे थे। एक असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय उनकी बाइक ट्रेन की चपेट में आ गई। दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि उस समय 27 वर्षीय फर्नांडो को गहरी चोटें आईं और वे तभी से कोमा में चले गए। इसके बाद से वे लंबे समय तक अस्पताल में जीवनरक्षक प्रणाली पर रहे।
दाएं हाथ के बल्लेबाज अंशु फर्नांडो को घरेलू क्रिकेट में एक उभरते हुए प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में देखा जाता था। दुर्घटना से कुछ ही सप्ताह पहले उन्होंने रागामा क्रिकेट क्लब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा था, जिसे उनके करियर का बड़ा मोड़ माना जा रहा था। इसके अलावा वे अपनी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी में भी लगातार सुधार कर रहे थे। वरिष्ठ स्तर पर उन्होंने कुल सात पारियों में पचास से अधिक रन बनाए थे।
अपने लगभग नौ साल के घरेलू क्रिकेट करियर में फर्नांडो ने कोल्ट्स क्रिकेट क्लब, पानादुरा स्पोर्ट्स क्लब और चिलाव मारियंस जैसी प्रतिष्ठित टीमों का प्रतिनिधित्व किया। उनकी तकनीक, अनुशासन और सकारात्मक स्वभाव के चलते साथी खिलाड़ी और कोच उनसे काफी उम्मीदें लगाए हुए थे।
अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर और रागामा क्रिकेट क्लब के वरिष्ठ अधिकारी रोशन आबे सिंह ने फर्नांडो के संघर्ष को याद करते हुए कहा, “एक क्रूर दुर्घटना ने एक प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी के करियर को असमय ही रोक दिया। अंशु फर्नांडो एक सौम्य, हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति थे। क्रिकेट समुदाय उन्हें हमेशा याद रखेगा।”
सात साल बाद घर लौटना फर्नांडो और उनके परिवार के लिए उम्मीद और धैर्य की मिसाल है। यह कहानी खेल जगत को यह भी याद दिलाती है कि मैदान के बाहर खिलाड़ियों का जीवन कितनी अनिश्चित चुनौतियों से घिरा हो सकता है।