फेक न्यूज़ के शोर में सच्ची आवाज़ों को मंच: लखनऊ से नई शुरुआत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-12-2025
A platform for true voices amidst the noise of fake news: New beginning from Lucknow
A platform for true voices amidst the noise of fake news: New beginning from Lucknow

 

गिरिजाशंकर शुक्ल/ लखनऊ

तेज़ी से बदलते डिजिटल दौर में फेक न्यूज़, भड़काऊ सुर्ख़ियाँ और सोशल मीडिया पर फैलती भ्रामक व अश्लील सामग्री समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। ये न केवल गलत जानकारियों का विस्तार करती हैं, बल्कि समुदायों के बीच अविश्वास, कटुता और नफ़रत को भी बढ़ावा देती हैं। इसी चिंता के साथ कि आने वाला समय इस दुष्चक्र का शिकार न बने और समाज में सकारात्मक संवाद को मजबूती मिले लखनऊ की प्रतिष्ठित संस्था Safa Institute for Media Literacy and Journalism एक ठोस और दूरगामी पहल करने जा रही है।

संस्था का उद्देश्य साफ़ है: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सकारात्मक, तथ्यपरक और समाज को जोड़ने वाला कंटेंट रचने वालों को पहचान देना और प्रोत्साहित करना। इसी क्रम में ऐसे पत्रकारों, कंटेंट क्रिएटर्स और डिजिटल वॉलंटियर्स को सम्मानित किया जाएगा, जो सौहार्द, आपसी समझ और हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं।

इस महत्वपूर्ण पहल की रूपरेखा तय करने के लिए गोला गंज स्थित Falahi Baitul Maal Hall में संस्था की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रख्यात विद्वान मौलाना जहानगीर आलम क़ासमी ने की। चर्चा के केंद्र में मीडिया की मौजूदा भूमिका, उसकी सामाजिक ज़िम्मेदारियाँ और विशेष रूप से सोशल व डिजिटल मीडिया की बढ़ती उपयोगिता रही। वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि डिजिटल स्पेस में सक्रिय युवाओं को दिशा और समर्थन देना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

बैठक में यह साझा सहमति बनी कि सकारात्मक बदलाव के लिए आलोचना भर पर्याप्त नहीं, बल्कि अच्छे काम को मंच और सम्मान देना भी उतना ही ज़रूरी है। इसी सोच के तहत वर्ष 2025 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को डिजिटल कंटेंट एक्सीलेंस अवॉर्ड 2025 से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। यह पुरस्कार उन युवाओं और प्रोफेशनल्स को दिया जाएगा, जिन्होंने जिम्मेदार पत्रकारिता, रचनात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक सरोकारों के साथ डिजिटल कंटेंट को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।

अवॉर्ड के लिए दस से अधिक प्रमुख श्रेणियाँ तय की गई हैं, जिनमें न्यूज़ और करंट अफेयर्स, ऑनलाइन शिक्षा, सामाजिक मुद्दे, टेक मीडिया, लखनऊ की साहित्य व संस्कृति, उर्दू भाषा और साहित्य, मुस्लिम समाज से जुड़े विषय, फैक्ट-चेकिंग, धार्मिक व नैतिक कंटेंट, बच्चों और महिलाओं से जुड़े मुद्दे तथा मानवाधिकार शामिल हैं। इन विषयों पर यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय लखनऊ के उम्मीदवार नामांकन कर सकते हैं।

नामांकन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/नामांकन फॉर्म भी लॉन्च किया गया है। क्यूआर कोड स्कैन कर इच्छुक उम्मीदवार अपना फॉर्म भर सकते हैं; आवश्यक दिशा-निर्देश और मानदंड फॉर्म में स्पष्ट रूप से दिए गए हैं। संस्था का मानना है कि यह पहल न केवल उत्कृष्ट कंटेंट को पहचान देगी, बल्कि डिजिटल स्पेस में गुणवत्ता, जिम्मेदारी और तथ्यनिष्ठा की संस्कृति को भी मज़बूत करेगी।

बैठक में मौलाना मुस्तफा नदवी मदनी, मुफ्ती मुनव्वर सुल्तान नदवी, उसामा इदरीस, मुईदुर्रहमान, मोहम्मद ग़फरान नसीम सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को समय की ज़रूरत बताते हुए भरोसा जताया कि ‘डिजिटल कंटेंट एक्सीलेंस अवॉर्ड 2025’ समाज में सकारात्मक संवाद, आपसी सम्मान और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार को नई दिशा देगा।