टेस्ट में नंबर-7 पर हार्दिक पांड्या की वापसी ‘शानदार’ होगी: रॉबिन उथप्पा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-12-2025
Hardik Pandya's return to the Test team at number 7 would be 'fantastic': Robin Uthappa
Hardik Pandya's return to the Test team at number 7 would be 'fantastic': Robin Uthappa

 

नई दिल्ली।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने भारतीय स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या से टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने की अपील की है। उथप्पा का मानना है कि यदि हार्दिक टेस्ट टीम में नंबर-7 की भूमिका में लौटते हैं, तो यह भारत के लिए “शानदार” साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हार्दिक फिट हैं और खेलने के इच्छुक हैं, तो बीसीसीआई उन्हें रोकने की संभावना नहीं है।

हार्दिक पांड्या ने आखिरी बार 2018 में टेस्ट क्रिकेट खेला था। पीठ की चोट के चलते वह रेड-बॉल फॉर्मेट से दूर रहे। उनकी गैरमौजूदगी में भारत ने फास्ट-बॉलिंग ऑलराउंडर विकल्पों की तलाश की है, जिसमें नीतीश कुमार रेड्डी और शार्दुल ठाकुर प्रमुख नाम रहे हैं। हार्दिक ने भारत के लिए 11 टेस्ट खेले हैं—532 रन (औसत 31.29), एक शतक और चार अर्धशतक के साथ—और 17 विकेट (औसत 31.05) भी लिए हैं।

अपने यूट्यूब चैनल पर उथप्पा ने कहा, “अगर हार्दिक टेस्ट में नंबर-7 पर लौटते हैं, तो यह वाकई शानदार होगा। क्रिकेट में कभी ‘नेवर से नेवर’ नहीं कहना चाहिए। अगर हार्दिक खुद टेस्ट खेलना चाहते हैं और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने का लक्ष्य रखते हैं, तो बोर्ड ‘ना’ नहीं कहेगा। मुद्दा फिटनेस और वर्कलोड का है। अगर वह प्रति पारी 12–15 ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं, तो मौजूदा फिटनेस के साथ यह संभव है। फैसला आखिरकार उनका ही है।”

उथप्पा ने यह भी कहा कि हार्दिक पहले ही कई आईसीसी ट्रॉफियां—एशिया कप और टी20 विश्व कप—जीत चुके हैं। “अगर वह WTC भी जीत लेते हैं, तो यह उनके करियर का ‘ग्रैंड स्लैम’ होगा। कौन सा खिलाड़ी अपने देश के लिए यह नहीं चाहता?” उन्होंने जोड़ा।

भारतीय टेस्ट तेज़ गेंदबाज़ी पर बात करते हुए उथप्पा ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ की। वहीं प्रसिद्ध कृष्णा को लेकर कहा कि उन्होंने कुछ मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में निरंतर प्रभावशीलता के लिए अभी सुधार की गुंजाइश है। उथप्पा के मुताबिक, आज के टेस्ट क्रिकेट में इकॉनमी से ज्यादा विकेट लेने की मानसिकता अहम है—और इसी कसौटी पर भारतीय पेस अटैक को और मज़बूत होना होगा।