नई दिल्ली
भारतीय रग्बी फुटबॉल यूनियन के अध्यक्ष राहुल बोस ने दावा किया है कि भारत के लगभग 760 जिलों में से 322 जिलों में रग्बी खेला जाता है, जो देश के कुल जिलों का लगभग 40% है।
राहुल बोस के नेतृत्व में रग्बी इंडिया ने देश में पहली बार फ्रेंचाइज़ी आधारित रग्बी प्रीमियर लीग (RPL) का आयोजन किया है, जिसकी शुरुआत 15 जून से हुई। यह दुनिया की पहली फ्रेंचाइज़ी आधारित रग्बी लीग है, जिसमें शुरुआती संस्करण में छह फ्रेंचाइज़ी शामिल हैं —बेंगलुरु ब्रेवहार्ट्स, चेन्नई बुल्स, दिल्ली रेड्ज़, हैदराबाद हीरोज़, कालिंगा ब्लैक टाइगर्स और मुंबई ड्रीमर्ज़।
एएनआई से बातचीत में बोस ने कहा,“भारत में लगभग 760 जिले हैं। इनमें से 322 जिलों में रग्बी खेली जाती है। यह 40% होता है। हर जिले में औसतन 20 लाख लोग रहते हैं। तो 322 जिले यानी 60 करोड़ लोग। मगर किसी को इसकी जानकारी नहीं है।”
बोस ने बताया कि भारत में रग्बी ज्यादातर बेहद गरीब तबकों के लोग खेलते हैं, और यह कोई शेख़ी नहीं, बल्कि सच्चाई है।
“अगर आप भारत के 322 जिलों में जाकर ‘रग्बी’ कहें, तो किसी न किसी की उंगली ज़रूर उठेगी। ये लोग कौन हैं? देश के सबसे गरीब तबके से आने वाले। हम कोई जातिगत जनगणना नहीं करते, लेकिन अगर करते तो शायद ये समाज के सबसे निचले स्तर से होते।”
उन्होंने कहा कि रग्बी अब केवल ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि शहरी क्षेत्रों तक भी फैल चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ राष्ट्रीय खिलाड़ी जयपुर के बेहद गरीब इलाकों से आते हैं।
बोस ने रग्बी से मिली सीख साझा करते हुए कहा:“अगर जीवन में आगे बढ़ना है, तो लोगों को साथ लेकर चलो। अकेले जाने का कोई फायदा नहीं।
दूसरा, यह खेल डर सिखाता है — शारीरिक डर। डर होता है, लेकिन फिर सवाल होता है: अब इसके साथ क्या करोगे?और तीसरा, यह खेल हारना सिखाता है — अगर आपने पूरी कोशिश की है, तो हार को भी हँसी और मुस्कान के साथ स्वीकार करो।”
भारत में रग्बी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों के बारे में उन्होंने कहा,“महाराष्ट्र, ओडिशा, बिहार, हरियाणा और बंगाल टॉप प्रदर्शन वाले राज्य हैं, जबकि केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में खेल की गहरी पैठ है।”
उन्होंने RPL शुरू करने के उद्देश्य पर ज़ोर देते हुए कहा,“मैं यह लीग इसलिए कर रहा हूँ ताकि भारतीय रग्बी की पूरी इकोसिस्टम बदल जाए।”
अपने खेल करियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह पहले गंभीरता से क्रिकेट खेलते थे और एक लेफ्ट-आर्म ओपनिंग बॉलर थे। लेकिन अपनी कम लंबाई (5 फीट 6 इंच) के कारण उन्हें लगा कि क्रिकेट में तेज़ गेंदबाज़ बनने का कोई भविष्य नहीं है।
RPL के 34 मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय खिलाड़ियों और कोचों के साथ खेलने और सीखने का बेहतरीन मौका मिल रहा है।सीजन 1 का ग्रैंड फिनाले 29 जून को होगा, जिसमें दो हफ्तों की ज़बरदस्त रग्बी प्रतिस्पर्धा के बाद विजेता टीम को ट्रॉफी दी जाएगी।