मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
पेरिस में 26 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों में पदक बटोरने के लिए भारत की टीम तैयार है. इस बार भारत की ओर से 117 एथलीट स्पर्धा में हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 24 एथलीट भारतीय सशस्त्र बल कर्मी हैं.
इन 24 एथलीटों में 22 पुरुष हैं, जिनमें स्टार भाला फेंक खिलाड़ी सूबेदार नीरज चोपड़ा के अलावा पहली बार भारतीय सशस्त्र बल की दो महिला खिलाड़ी भी ओलंपिक स्तर के खेलों में शामिल की गई हैं.
भारतीय सशस्त्र बल के इन 24 खिलाड़ियों में सीपीओ मोहम्मद अनस याहिया, पीओ (जीडब्ल्यू) मोहम्मद अजमल, जेडब्ल्यूओ अब्दुल्ला अबूबकर भी हैं, जो भारत को पदक दिलाने के लिए तैयार हैं.आइए, यहां जानते हैं सीपीओ मोहम्मद अनस याहिया, पीओ (जीडब्ल्यू) मोहम्मद अजमल और जेडब्ल्यूओ अब्दुल्ला अबूबकर के बारे में.
मोहम्मद अनस याहिया
पहले बात सीपीओ मोहम्मद अनस याहिया की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,एशिया में उल्लेखनीय रिकॉर्ड रखने वाला यह धावक दो बार ओलंपिक में भारत के सफल ट्रैक और फील्ड सितारों में से एक रहा है.
400 मीटर में भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक अनस एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं और केएम बीनू और मिल्खा सिंह के बाद ओलंपिक में भाग लेने वाले यह तीसरे धावक हैं, जो क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे. उन्होंने यह कारनामा रियो 2016 में अंजाम दिया.
टोक्यो ओलंपिक 2020 में, मोहम्मद अनस ने 4 गुणा 400 मीटर पुरुष और मिश्रित रिले में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपना दूसरा ओलंपिक प्रदर्शन किया था.मोहम्मद अनस पुरुषों की उस 4गुणा400 मीटर टीम का हिस्सा रह चुके हैं, जिसने 2023 में एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा और हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.
अनस, अपने साथियों अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश के साथ बुडापेस्ट विश्व चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहे थे. उन्होंने 4गुणा400 मीटर स्पर्धा में भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.मोहम्मद अनस केरल के नीलामेल गांव में पले-बढ़े हैं. पढ़ाई के दौरान उन्होंने करियर के तौर पर एथलेटिक्स को चुना. उनके पिता याहिया भी राज्य स्तरीय एथलीट रहे हैं.
मोहम्मद अजमल वरियाथोडी
भारतीय सशस्त्र बल के तीसरे स्टार एथलीट मोहम्मद अजमल वरियाथोडी इस समय 26 वर्ष के हैं. उनका जन्म 01 जून 1998 को हुआ था. वह विश्व चैंपियनशि में शीर्ष 8 आठ में रह चुके हैं, जबकि एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता हैं.इनकी पुरूषों की 400 मीटर दौड़ में विश्व रैंकिंग है.
उन्होंने 2023 के एशियाई खेलों में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. जबकि इसी खेल में वह 4गुण400 मीटर रिले भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा और हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता. इस स्पर्धा में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 45.36 सेकंड (400 मीटर) था.
अब्दुल्ला अबुबकर
अब बात करते हैं अब्दुल्ला अबुबकर की. अबुबकर ने पेरिस ओलंपिक के ट्रिपल जंप स्पर्धा के लिए क्वालीफाई किया है. अबुबकर केरल के कोझिकोड नादापुरम निवासी हैं.गुरूग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में अपने प्रदर्शन के साथ उन्होंने ट्रिपल जंप इवेंट में विश्व रैंकिंग में 21वां स्थान हासिल किया.
हरियाणा में संपन्न हुई 63वीं राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय एथलीटों के लिए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का आखिरी मौका था. कोझिकोड के वलयम गांव से आने वाले इस खिलाड़ी को स्कूली दिनों से ही स्प्रिंट, हाई जंप, लॉन्ग जंप और बाधा दौड़ में दिलचस्पी थी.
नौवीं कक्षा में पढ़ते समय उन्हें एहसास हुआ कि ट्रिपल जंप उनका आगे बढ़ने का सही रास्ता है, जिसके बाद उन्होंने कल्लडी कुमारमपुथुर एचएसएस, पलक्कड़ में दाखिला लिया. एक साल बाद, उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीता.
2015 में, वे जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बने. उन्होंने बर्मिंघम में आयोजित 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत जीता.फाइनल में पहली चार जंप पूरी करने के बाद अब्दुल्ला पदक की संभावना से बाहर हो गए थे. लेकिन पांचवें राउंड में 17.02 मीटर की छलांग लगाकर उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया. अब्दुल्ला तीन बार 17 मीटर की छलांग लगाने वाले पहले भारतीय एथलीट रहे हैं.
अपने 14 साल के करियर के दौरान अब्दुल्ला कई बार चोटों से परेशान रहे. पैर, घुटने और टखने में लगातार चोटों के कारण अब्दुल्ला लंबे समय तक मैदान से बाहर थे. फिर भी एथलीट ने संघर्ष किया और भुवनेश्वर में आयोजित भारतीय ग्रां प्री एथलेटिक्स में 17.19 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता.
रंजीत माहेश्वरी के बाद ट्रिपल जंप में किसी भारतीय एथलीट का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स में रजत पदक जीतने वाले अब्दुल्ला ने ट्रिपल जंप में भी सपनों की दूरी (17.14 मीटर) पार की. 2017 में खेल कोटे के तहत भारतीय वायु सेना में नौकरी पाने वाले अब्दुल्ला पेरिस पहुंच गए हैं.
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