राजनीति में नहीं, लेकिन टीम इंडिया के कोच बनने को तैयार: सौरव गांगुली

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-06-2025
Not in politics, but ready to become Team India's coach: Sourav Ganguly
Not in politics, but ready to become Team India's coach: Sourav Ganguly

 

 

 

कोलकाता

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने स्पष्ट किया है कि उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन अगर उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनने का मौका मिलता है, तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा.

जुलाई में 53 वर्ष के होने जा रहे गांगुली ने यह बातें ‘एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहीं. उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में बहुत सोचा नहीं है क्योंकि मैं अलग-अलग भूमिकाओं में रहा हूं. 2013 में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष बना."

गांगुली ने कहा कि वह भविष्य को लेकर खुले हैं, “देखते हैं आगे क्या होता है. अभी मैं 50 (53) साल का हूं। मुझे कोच बनने से कोई आपत्ति नहीं है. देखते हैं किस दिशा में चीजें जाती हैं.”

राजनीति से साफ इंकार

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकते हैं, तो गांगुली ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है.”

अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनने की पेशकश भी मिले तो? इस पर भी उन्होंने दो टूक कहा, “मेरी कोई रुचि नहीं है.”

गंभीर के कोचिंग कौशल की तारीफ

गांगुली ने मौजूदा भारतीय कोच गौतम गंभीर की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “गौतम अच्छा कर रहा है. शुरुआत में जब टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से हारी, तब थोड़ी मुश्किलें थीं. लेकिन दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से उन्होंने लय पकड़ ली है. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ काफी महत्वपूर्ण होगी.”

गंभीर की रणनीतिक क्षमता पर गांगुली ने कहा, “इस भूमिका में मैंने उन्हें बहुत नज़दीक से नहीं देखा, लेकिन उनका जुनून ज़रूर देखा है. वह स्पष्ट बोलते हैं और अपनी राय बिना झिझक रखते हैं। टीम, खिलाड़ियों और लोगों को लेकर उनकी सोच काफी पारदर्शी है.”

गांगुली ने गंभीर के साथ अपने पुराने दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा, “मैंने उसके साथ खेला है और वह हमेशा सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान करता रहा है. आज भी उसके भीतर खेल को लेकर गहरा जुनून है.”

अंत में गांगुली ने गंभीर को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “कोच के तौर पर उसे अभी एक ही साल हुआ है. इंग्लैंड का दौरा अहम होगा. ऑस्ट्रेलिया में थोड़ा संघर्ष था, लेकिन हर कोच की तरह वह भी सीखेगा और आगे बेहतर करेगा.”

गांगुली की यह स्पष्टता कि वे राजनीति से दूर रहेंगे, और क्रिकेट में संभावित कोचिंग भूमिका के लिए खुले हैं, उन्हें एक बार फिर चर्चा में ले आई है.