नई दिल्ली
खेल के मैदान में इज़राइल के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की मिसाल पहले भी देखने को मिली है। कई बार खिलाड़ियों ने कब्ज़े वाले इज़राइल के खिलाफ खेलने से इनकार किया है। हालाँकि, इस बार नॉर्वे ने अलग रास्ता चुना है। नॉर्वेजियन फुटबॉल फेडरेशन ने घोषणा की है कि आने वाले 2026 विश्व कप क्वालीफायर में इज़राइल के खिलाफ होने वाले मैच से होने वाली पूरी कमाई गाज़ा में मानवीय सहायता परियोजनाओं के लिए दान की जाएगी।
यह मैच 11 अक्टूबर को ओस्लो में खेला जाएगा। मैच से पहले नॉर्वेजियन फुटबॉल फेडरेशन की अध्यक्ष लिसे क्लावेनेस ने बयान जारी करते हुए कहा—
"न तो हम और न ही कोई अन्य संगठन नागरिकों पर हो रहे अकल्पनीय हमलों और गाज़ा में लंबे समय से जारी मानवीय त्रासदी के प्रति चुप रह सकते हैं। हम चाहते हैं कि इस मैच से होने वाली आय सीधे उन मानवीय संगठनों तक पहुँचे जो हर दिन गाज़ा में लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं।"
नॉर्वे के इस फैसले पर इज़राइल फुटबॉल महासंघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। ब्रिटिश दैनिक द टेलीग्राफ में प्रकाशित एक बयान में इज़राइली संघ ने नॉर्वे से अपील की कि वह 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमलों और नागरिकों को बंधक बनाने की घटना की निंदा करे।
बयान में कहा गया—
"हम नॉर्वे के नागरिकों से अपील करते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि उनका पैसा किसी आतंकवादी संगठन तक न पहुँचे, अन्यथा नॉर्वे को वैश्विक आलोचना झेलनी पड़ेगी।"
नॉर्वेजियन फुटबॉल फेडरेशन ने बताया है कि इस मैच के लिए सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर वे यूईएफए और स्थानीय पुलिस के साथ काम कर रहे हैं। कड़े सुरक्षा उपायों के चलते लगभग 3,000 टिकट कम बेचे जा सकते हैं। आमतौर पर ओस्लो का उल्लेवल स्टेडियम राष्ट्रीय टीम के मैचों में करीब 26,000 दर्शकों की मेजबानी करता है।
फेडरेशन का कहना है कि टिकटों की बिक्री अगले हफ्ते शुरू होगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस मैच से कुल कितनी राशि जुटने की उम्मीद है।
गाज़ा संघर्ष के कारण इज़राइल अक्टूबर 2023 से अपने देश में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी नहीं कर पा रहा है। इसी वजह से नॉर्वे के खिलाफ पिछला "घरेलू" क्वालीफायर इज़राइल को हंगरी में खेलना पड़ा था, जिसमें नॉर्वे ने 4-2 से जीत दर्ज की थी।इस समय नॉर्वे अपने क्वालीफाइंग ग्रुप में शीर्ष पर है, जबकि इज़राइल दूसरे स्थान पर है।
उधर, मध्य पूर्व के कई फुटबॉल संघों ने गाज़ा युद्ध के चलते फीफा और यूईएफए से इज़राइल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।