Neeraj Chopra's focus is on World Championship this season, said- I will not be under the pressure of 90 meters
अर्सला खान/ नई दिल्ली
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने साफ किया है कि इस सीजन में उनका मुख्य लक्ष्य टोक्यो में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप है, न कि हर बार 90 मीटर पार करने का दबाव. चोपड़ा इस समय चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा शहर में मौजूद हैं, जहां वे मंगलवार को 'गोल्डन स्पाइक एथलेटिक्स मीट' में हिस्सा लेंगे.
पिछले सप्ताह पेरिस डायमंड लीग में 88.16 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज ने कहा कि उन्होंने सीजन की शुरुआत में दोहा में 90 मीटर से ऊपर का थ्रो किया है और वे अब और बेहतर तकनीक पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में चेक गणराज्य के नाइमबुर्क में शानदार ट्रेनिंग की है, जिससे वे इस मीट को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए हैं.
नीरज ने कहा, “मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि मैं एक महान खिलाड़ी और कोच जान जेलेज़नी के साथ काम कर रहा हूं. मैंने इस साल 90 मीटर फेंक दिया है और अब तकनीक में थोड़े सुधार के साथ देखना है कि अगला बड़ा थ्रो कब आता है। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं. नीरज ने कहा कि जब वे छोटे थे, तब उन्होंने टीवी पर उसैन बोल्ट को ओस्ट्रावा में खेलते देखा था. उन्होंने बताया कि वे पिछले साल भी यहां आए थे लेकिन चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे. “इस बार मैं फिट महसूस कर रहा हूं लेकिन 90 मीटर के लक्ष्य का दबाव नहीं लेना चाहता। मैं अपनी पूरी ताकत जरूर लगाऊंगा,” उन्होंने कहा.
टोक्यो में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 13 से 21 सितंबर तक आयोजित की जाएगी। नीरज चोपड़ा ने पिछले संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था और इस बार भी वही दोहराना चाहते हैं.कोच जान जेलेज़नी के साथ अनुभव साझा करते हुए नीरज ने कहा कि दोहा डायमंड लीग के दौरान कई भारतीय फैंस कोच के साथ फोटो खिंचवाना चाहते थे.“वे थोड़े जोशीले हो जाते हैं, जिससे मैं थोड़ी चिंता में आ गया था, लेकिन कोच जल्दी होटल लौट गए,” नीरज ने मुस्कराते हुए कहा.
नीरज 5 जुलाई को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' को लेकर भी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत में उनकी पहली गंभीर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता होगी. “मुझे प्रतियोगिता से पहले कई चीज़ें संभालनी हैं, लेकिन यह शानदार अनुभव होगा. उन्होंने कहा, “अब भारत में लोग क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों को भी पहचानने लगे हैं, यह देखकर खुशी होती है. पेरिस डायमंड लीग में 90 मीटर न छू पाने के बावजूद अपने थ्रो से संतुष्ट नज़र आए नीरज ने कहा कि तकनीकी प्रगति और प्रशिक्षण में निरंतर सुधार उन्हें आने वाले बड़े टूर्नामेंट्स में और भी बेहतर बनाएगा। उनके कोच जान जेलेज़नी भी उनकी अब तक की प्रगति से पूरी तरह संतुष्ट दिखे.