आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
चार बार की विश्व विजेता टीम इटली के लिए एक और विश्व कप खेलना अब संदेह के घेरे में आ गया है. यूरोपीय क्वालीफाइंग अभियान की पहली ही हार ने अज़ुरी टीम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. नॉर्वे के खिलाफ 3-0 की करारी शिकस्त के बाद टीम तालिका में सबसे नीचे पहुंच गई है.
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इटली के कोच लुसियानो स्पैलेटी ने निराशा जताते हुए कहा,“अगर हम इसी तरह खेलते रहे, तो हमें (विश्व कप को लेकर) संदेह होने लगेगा .”
इतिहास की सबसे सफल टीमों में से एक इटली ने अब तक चार बार फीफा वर्ल्ड कप जीता है, लेकिन पिछले दो संस्करणों में वह टूर्नामेंट का हिस्सा भी नहीं बन सकी. यूरो कप चैंपियन बनने के बावजूद, इटली विश्व कप में जगह नहीं बना सका था। अब 2026 विश्व कप की राह भी कांटों से भरी दिख रही है.
इटली ग्रुप 'I' में है, जिसमें कुल 5 टीमें हैं – नॉर्वे, मोल्दोवा, एस्टोनिया, इज़राइल और इटली.
हर टीम ग्रुप में दो-दो बार एक-दूसरे से खेलेगी.
नॉर्वे अब 3 मैचों में 9 अंकों के साथ शीर्ष पर है.
इटली 0 अंकों के साथ अंतिम स्थान पर है.
इटली के पास अब 7 मैच बचे हैं। लेकिन सिर्फ जीत ही काफी नहीं, उन्हें दूसरों के नतीजों पर भी निर्भर रहना पड़ेगा.
2026 के लिए कुल 48 टीमों वाला विश्व कप होगा, जिसमें यूरोप से 16 टीमें जाएंगी:
12 टीमें क्वालीफाइंग के पहले दौर में ग्रुप विजेता बनकर जाएंगी.
बाक़ी 4 टीमें प्ले-ऑफ के ज़रिए चुनी जाएंगी.
अगर इटली ग्रुप उपविजेता बनता है, तो वह प्ले-ऑफ के लिए क्वालिफाई कर सकता है, लेकिन वहां भी मुकाबला बेहद कठिन होगा क्योंकि 12 उपविजेता और यूईएफए नेशंस लीग की 4 टीमें भिड़ेंगी.
इटली अब सोमवार को मोल्दोवा के खिलाफ उतरेगा। अगर अज़ुरी को विश्व कप की दौड़ में बने रहना है, तो न केवल यह मैच बल्कि हर आने वाला मैच निर्णायक होगा.