अम्मान (जॉर्डन)
भारत ने अंडर-15 और अंडर-17 एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-15 वर्ग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया. भारतीय महिला मुक्केबाजों ने 10 स्वर्ण और 25 कुल पदक जीतकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया.
महिला मुक्केबाजों ने 15 भार वर्गों में 10 स्वर्ण और चार कांस्य पदक जीते। मंगलवार को अंडर-15 वर्ग के सभी फाइनल मुकाबलों में भारतीय महिला मुक्केबाजों ने स्वर्ण पदक जीते.
अंडर-15 वर्ग में भारत की कोमल (30-33 किग्रा) ने कजाकिस्तान की ऐरू ओंगरबेक को 3-2 के विभाजित फैसले से हराकर जीत की शुरुआत की. इसके बाद खुशी अहलावत (35 किग्रा) ने 4-1 से जीत दर्ज की, जबकि तमन्ना (37 किग्रा) ने रैफरी द्वारा मुकाबला रोकने (आरएससी) से स्वर्ण पदक पक्का किया.
स्वी (40 किग्रा), मिल्की मेनाम (43 किग्रा), प्रिंसी (52 किग्रा), नव्या (58 किग्रा), सुनैना (61 किग्रा), त्रुशाना मोहिते (67 किग्रा) और वंशिका (70 किग्रा) ने सर्वसम्मति से अपने मुकाबले जीते, जिससे भारतीय महिला अंडर-15 टीम ने फाइनल में क्लीन स्वीप किया.
भारत के चार लड़के भी फाइनल में पहुंचे, जिनमें संस्कार विनोद (35 किग्रा) ने स्वर्ण जबकि तीन ने रजत पदक जीते.इससे पहले, लड़कों के वर्ग में सात कांस्य पदक भी भारत ने जीते थे.
भारतीय मुक्केबाजी की अंतरिम समिति के अध्यक्ष अजय सिंह ने इस शानदार प्रदर्शन पर कहा, "भारतीय मुक्केबाजी के लिए यह शानदार शाम थी. 11 बार राष्ट्रगान बजते हुए सुनना और भारत को शीर्ष पर देखना हम सभी को गर्व से भर देता है. मैं हमारे 25 अंडर-15 पदक विजेताओं को बधाई देता हूं। ये हमारे भविष्य के ओलंपिक चैंपियन हैं."
भारत ने फाइनल से पहले ही 43 पदक पक्के कर लिए थे, जिनमें अंडर-15 वर्ग में 25 और अंडर-17 वर्ग में 18 पदक शामिल थे. अंडर-17 के फाइनल बुधवार को खेले जाएंगे, जिसमें सात भारतीय मुक्केबाज स्वर्ण पदक के लिए भिड़ेंगे.
रुद्राक्ष सिंह खैदेम (46 किग्रा), अभिजीत (61 किग्रा) और लक्ष्य फोगट (64 किग्रा) ने रजत पदक जीते.