आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे जम्मू कश्मीर की यात्रा करें। यह क्षेत्र हाल ही में कई आतंकवादी घटनाओं से प्रभावित रहा है.
चौहान ने कहा, “मैं जनता से कहना चाहता हूं कि यहां के लोग प्यार और गर्मजोशी से आपका स्वागत करने का इंतजार कर रहे हैं. इसलिए बिना किसी डर के यहां आएं और प्यार और भाईचारे की नयी मिसाल कायम करें.” कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे. उन्होंने यह अपील 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में पर्यटन में आई गिरावट के बाद की है, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय टट्टू संचालक को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी.
उन्होंने कहा, “मैं कल से श्रीनगर में हूं और लगातार लोगों के बीच रहा हूं. हवा की शांति, मिट्टी की खुशबू, प्राकृतिक सुंदरता और लोगों के प्यार ने मेरा दिल जीत लिया है। यह वाकई भारत का मुकुट मणि और धरती का स्वर्ग है.” उन्होंने कहा, “मैंने डल झील का भी दौरा किया और वहां शिकारे की सवारी की. एक भावनात्मक घटना जिसने मेरे दिल को छू लिया, वह थी जब एक शिकारे वाले ने मुझसे कहा, ‘मामा, लोगों से यहां आने के लिए कहें. हमारे दिल उनके लिए प्यार से भरे हुए हैं’.” चौहान ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक की और उनके साथ कृषि एवं ग्रामीण विकास पहल पर चर्चा की.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को बागवानी का केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है और इसी उद्देश्य से उसने सेब, बादाम और अखरोट के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से पौधा केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, “किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले, रोगमुक्त पौधों की जरूरत है और यह केंद्र उन्हें यह मुहैया कराएगा। निजी नर्सरी स्थापित करने वालों को भी सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा केसर के लिए टिशू कल्चर लैब भी स्थापित की जाएगी.”
‘टिशू कल्चर लैब’ एक ऐसी सुविधा है जहां पौधों के ऊतकों को नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है. यह एक ऐसी तकनीक है जो जैविक अनुसंधान, पौधों के प्रसार और रोग-मुक्त नमूनों के उत्पादन में मदद करती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया है और सत्यापन के बाद उन्हें मकान दिये जायेंगे. इससे पहले छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम राज्य विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हैं और मेरा विश्वास है कि हम जल्द ही पहले स्थान पर पहुंच जाएंगे.”
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कश्मीरी सेब को दुनिया के हर कोने तक पहुंचते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हमें भारत को दुनिया का खाद्यान्न भंडार बनाना है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, ने केंद्र शासित प्रदेश में कृषि क्षेत्र को आकार देने के लिए एसकेयूएएसटी की भूमिका को सराहा. उन्होंने रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी तथा विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं.
उन्होंने कहा, “स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 150 विद्यार्थियों में से 115 छात्राएं हैं। 445 योग्यता प्रमाण पत्रों में से 334 लड़कियों को दिए जा रहे हैं. यह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य को दर्शाता है.” विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एसकेयूएएसटी की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल स्नातकों का कारखाना है, बल्कि जमीनी स्तर पर समस्या का समाधान भी उपलब्ध कराता है. अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के मार्ग पर है और उन्होंने छात्रों से इस परिवर्तन को आकार देने में सरकार की मदद करने का आह्वान किया.